Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में एक पुलिस कांस्टेबल के तबादले के आदेश पर रोक लगा दी है, जिससे उनकी गर्भवती पत्नी की देखभाल में कोई परेशानी न हो। यह निर्णय आईजी रायपर रेंज द्वारा किए गए तबादले के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया है।
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महासमुंद जिले में किया गया था ट्रांसफर
नवदीप ठाकुर, जो कि जिला धमतरी में पुलिस कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे, का स्थानांतरण आईजी रायपुर रेंज द्वारा जिला महासमुंद में कर दिया गया है। यह स्थानांतरण आदेश जारी करने के बाद, नवदीप ठाकुर को जिला धमतरी से जिला महासमुंद में पदस्थापना के लिए भेजा गया है।
नवदीप ठाकुर ने आईजी द्वारा किए गए स्थानांतरण आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट बिलासपुर (Bilaspur High Court) में रिट याचिका दायर की। याचिका में अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर ने नवदीप ठाकुर का प्रतिनिधित्व किया। मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की एकल पीठ में हुई।
तीन माह बाद है याचिकाकर्ता की पत्नी की प्रसव की तिथि
अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की पत्नी डिगेश्वरी ध्रुव छह माह की गर्भवती है, इसलिए याचिकाकर्ता का स्थानांतरण न किया जाए। उन्होंने तर्क प्रस्तुत किया कि गर्भवती पत्नी की देखभाल के लिए याचिकाकर्ता की उपस्थिति आवश्यक है।
याचिकाकर्ता की पत्नी की प्रसव की तिथि तीन माह बाद है। याचिकाकर्ता के परिवार में कोई अन्य जिम्मेदार सदस्य नहीं है जो गर्भवती पत्नी की देखभाल कर सके। यदि याचिकाकर्ता का स्थानांतरण जिला महासमुंद में कर दिया जाता है, तो वह अपनी गर्भवती पत्नी की देखभाल नहीं कर पाएगा।
हाईकोर्ट ने स्थानांतरण आदेश पर लगाई रोक
हाईकोर्ट बिलासपुर ने पहले भी कई याचिकाओं में पत्नी की गर्भवती होने और उनकी देखभाल के आधार पर स्थानांतरण आदेश पर स्थगन दिया है। इसी आधार पर, कोर्ट ने याचिकाकर्ता के जिला-धमतरी से जिला-महासमुंद में स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है।