Bilaspur High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के 1994 बैच के IPS जीपी सिंह को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने IPS जीपी सिंह पर लगे राजद्रोह के केस की प्रोसिडिंग पर रोक लगा दी है। जीपी सिंह के खिलाफ पिछली भूपेश बघेल सरकार ने राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। वहीं सिंह को 30 अप्रैल को CAT (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) से भी बड़ी राहत मिली थी।
जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को CAT ने चार सप्ताह में निराकृत कर बहाल किए जाने का आदेश दिया था। जुलाई 2023 में राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।
2022 में लगा था राजद्रोह
जीपी सिंह पर 2022 में भूपेश बघेल की सरकार में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। राजद्रोह केस के बाद जीपी सिंह को जेल जाना पड़ा था। मगर बाद में जीपी सिंह को हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) से जमानत मिल गई थी। सिंह को लेकर खबरें यह भी आ रही थी कि उन्हें बर्खास्त किया गया है। मगर ऐसा नहीं किया गया था।
ACB ने भ्रष्टाचार और सरकार ने राजद्रोह का कराया था केस दर्ज
जुलाई 2021 में एसीबी ने जीपी सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले के अलावा राजनांदगांव और ओडिशा समेत 15 अन्य जगह पर छापा मारा था। जिसमें एसीबी को 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति के साथ कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे। इसके बाद एसीबी ने जीपी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करी थी।
एसीबी के एफआईआर दर्ज करने के बाद दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार ने जीपी सिंह को 5 जुलाई को सस्पेंड कर दिया था 8 जुलाई की रात उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करवाया था।
जीपी सिंह पर आरोप था कि वह कांग्रेस की सरकार गिराने की साजिश रच थे। जिसके बाद जीपी सिंह ने अगले दिन 9 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और सीबीआई से इस मामले की जांच करवाने की मांग की थी।
नोएडा से जीपी सिंह को किया था गिरफ्तार
मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को आईपीएस जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत मिल गई।
इसके बाद सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस जीपी सिंह को भारत सरकार ने कंपलसरी रिटायर कर दिया था। बता दें कि जब जीपी सिंह को कंपलसरी रिटायर किया गया था, उस समय उनकी 8 साल की सेवा बची थी।