नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सभी निजी स्कूलों को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने 3 सितंबर तक सभी स्कूलों को फीस का हिसाब देने के लिए कहा है। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि कोरोना काल में स्कूल संचालकों ने पहली से 12वीं तक के छात्रों से किस मद में कितनी फीस ली, उन्हें सब बताना होगा। SC ने इस मामले में सीधे सरकार को भी आदेश भेज हैं। यानी अब 3 सितंबर से पहले सभी निजी स्कूलों को हिसाब देना होगा।
संचालक मनमानी फीस वसूल रहे थे
दरअसल, कोरोना काल में प्राइवेट स्कूल संचालक ट्यूशन फीस के नाम पर मनमानी फीस वसूल रहे थे। लेकिन अब कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें बताना होगा कि उन्होंने छात्रों से किस मद के लिए फीस लिए हैं। जैसे खेलकूद, वार्षिक कार्यक्रम, लाइब्रेरी और सांस्कृतिक एक्टिविटी जैसी चीजों के लिए अगर उन्होंने फीस ली है तो प्रशासन से कार्रवाई के लिए कहा जा सकता है। साथ ही अन्य तरह की फीस लेने पर अब रोक लगाई जा सकेगी।
स्कूल, शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करेंगे जानकारी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। SC के निर्देशानुसार स्कूल शिक्षा विभाग को दो सप्ताह के अंदर यह जानकारी स्कूलों से लेकर सार्वजनिक करना है। विभाग ने स्कूलों को यह जानकारी देने के लिए 8 दिन का समय दिया है, निजी स्कूल संचालकों को 3 सितंबर तक हर हाल में फीस की पूरी जानकारी एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड करना है। 4 सितंबर के बाद यह जानकारी सार्वजनिक तौर पर अवेलेबल रहेगी।
मप्र पालक संघ ने दायर की थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को लेकर आदेश जारी किए कि कोरोना काल में स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का अधिकार है। पालक संघ मध्य प्रदेश द्वारा इस संबंध में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने फाइनल आदेश जारी कर दिए। आदेश सीधे सरकार को भेज दिए गए हैं।