इंदौर। मध्यप्रदेश का सबसे स्मार्ट शहर में अब घर और सरकारी संस्थानों सहित अन्य पते भी डिजिटल होने जा रहा हैं। दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सही एड्रेस न मिल पाने के कारण भारत हर साल करीब 75 हजार करोड़ का नुकसान उठाता है। अब डिजिटल एड्रेसिंग के माध्यम से इस नुकसान को होने से रोका जा सकेगा। एड्रेसिंग सिस्टम के लिए व्यवस्थित किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में पता नेविगेशन ने एक शक्तिशाली डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम बनाए जाने के लिए इसरो के साथ हाथ मिलाया है।
विश्व दूसरा ऐसा शहर होगा
इंदौर में यह सिस्टम लागू होते ही यह शहर देश का पहला ऐसा शहर बना जाएगा जहां सारे पते डिजिटल होंगे। वहीं विश्व में दूसरा नंबर होगा। अभी अमेरिका के कैलिफोर्निया में डिजिटल पते का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके माध्यम से ड्रोन से सामान की डिलीवरी की जाती है। ऐसी जानकारी है कि इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी ने शहर के स्टार्टअप पता नेविगेशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी एक समझौता किया है। जिसके तहत स्मार्ट सिटी कंपनी सारे पतों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाएगी।
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ये होंगे फायदे
इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आने वाले दिनों में कोई भी पता ढूंढने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा वहीं सिर्फ एक कोड ही शेयर करके अपना पता बताया जा सकता है। ईंधन व समय की बचत होगी, जरूरी सेवाओं में मदद मिलेगी, सरकारी सेवाओं में मदद मिलेगी, किसी भी स्थान की सटीक लोकेशन मिल सकेगी, सामान डिलीवरी करने वालों को फायदा मिलेगा। प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।
मुफ्त होगा ऐप
अब तक डिजिल पता वाले पता ऐप एक इस्तेमाल पार्सल डिलीवरी करने वाली कंपनियां कर रही हैं। अब आने वाले समय में प्रत्येक नागरिक इसका इस्तेमाल कर सही लोकेशन पहुंच सकेगा। वहीं इसके लिए कोई रकम भी लोगों को नहीं चुकानी पड़ेगी।
इस मामले में स्मार्ट सिटी कंपनी इंदौर के सीईओ ऋषव गुप्ता ने कहा है क कि हमारी कोशिश है कि इंदौर को देश का पहला शहर बनाएं, जिसके सारे पते डिजिटली उपलब्ध हों।