मदुरै। तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैदापट्टी आर मुथैया का यहां लंबी बीमारी के बाद एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने मुथैया के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुथैया को प्यार से सेदपट्टियार के नाम से संबोधित किया जाता था। वह 1991-96 तक ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) शासन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने। मुथैया, 1999 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार के विश्वास मत के दौरान अपना मत डालने को लेकर भ्रम के कारण चर्चा में रहे थे, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार एक मत से हार गई थी।
मुथैया को बाद में अन्नाद्रमुक की दिवंगत प्रमुख जे. जयललिता ने पार्टी से निष्कासित कर दिया और वह 2006 में द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) में शामिल हो गए। उन्होंने चार बार विधायक के रूप में सैदापट्टी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वह दो बार सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रहे। अपने शोक संदेश में रवि ने मुथैया के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह एक ‘असाधारण’ राजनेता थे, सैदापट्टी से विधायक, पेरियाकुलम क्षेत्र से दो बार सांसद और केंद्र में भूतल परिवहन मंत्री के पद पर रहे।
राज्यपाल ने कहा, ”मुथैया का निधन देश के लिए, विशेष तौर पर तमिलनाडु और प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र के लोगों के लिए एक अपूरणीय क्षति है।” सत्तारूढ़ द्रमुक के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री स्टालिन ने मुथैया के निधन पर शोक व्यक्त किया। अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की उपस्थिति में मुथैया के द्रमुक में शामिल होने को याद करते हुए स्टालिन ने द्रविड़ पार्टी के विकास में उनके अभूतपूर्व योगदान की सराहना की। स्टालिन ने एक शोक संदेश में कहा, ”हाल ही में मदुरै यात्रा के दौरान मैंने उनसे अस्पताल में मुलाकात की थी। उनके निधन से दुखी हूं।’