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Bhupesh Baghel Diwali Post
Bhupesh Baghel Diwali Post : दीपावली के दिन जब पूरा देश खुशियों के दीप जला रहा था, तब छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल भारी था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि उन्हें अपने बेटे चैतन्य बघेल से मिलने की अनुमति नहीं मिली। पोस्ट में उन्होंने पुराने राजनीतिक दौर का ज़िक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को भी याद किया, जिससे यह पोस्ट भावनात्मक और राजनीतिक दोनों ही दृष्टिकोण से चर्चाओं में आ गया है।
"दिवाली पर बेटे से मिलने नहीं दी अनुमति"- भूपेश बघेल का दर्द भरा पोस्ट
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Bhupesh Baghel Diwali X Post[/caption]
भूपेश बघेल ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “दिवाली पर मुझे जेल में बंद अपने बेटे से मिलने की अनुमति नहीं मिली। दो दशक पहले जब अजीत जोगी मुख्यमंत्री थे, उन्होंने मेरे बाबूजी को जेल भेजा था, लेकिन तब दीवाली के दिन उनसे मिलने की छूट मिल गई थी।”
उन्होंने आगे लिखा, “आज नरेंद्र मोदी और अमित शाह की कृपा से मेरा बेटा जेल में है। आज भी दिवाली है, लेकिन मैं उससे मिल नहीं सकता। बहरहाल, सबको दीपावली की शुभकामनाएं।” इस पोस्ट के साथ ही बघेल ने अपने बेटे की गिरफ्तारी के मुद्दे को एक भावनात्मक अंदाज़ में उठाया, जिसने सोशल मीडिया पर तेजी से राजनीतिक बहस का रूप ले लिया।
कांग्रेस नेताओं ने साधा निशाना
भूपेश बघेल के इस बयान के बाद कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उनका कहना है कि ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए किया जा रहा है। कई कांग्रेस नेताओं ने इसे “एक पिता का दर्द” बताया, जबकि बीजेपी नेताओं ने इसे राजनीतिक नाटक करार दिया।
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि दिवाली जैसे त्यौहार पर परिवार से मिलने की अनुमति न देना, यह दर्शाता है कि सरकार संवेदनशीलता खो चुकी है। वहीं भाजपा खेमे का कहना है कि बघेल “अपने बेटे के अपराधों को भावनाओं के सहारे ढंकने की कोशिश” कर रहे हैं।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और शराब घोटाले का मामला
भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था। उन पर छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। ईडी का दावा है कि यह घोटाला ₹2,500 करोड़ से अधिक का है और इसमें चैतन्य बघेल ₹1,000 करोड़ के अवैध फंड प्रबंधन में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे। हाल ही में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके चलते वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। इसी वजह से भूपेश बघेल इस दिवाली अपने बेटे से नहीं मिल पाए।
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सहानुभूति और राजनीति दोनों का असर
भूपेश बघेल के इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर हजारों प्रतिक्रियाएं आईं। कई लोगों ने इसे एक पिता के दर्द की सच्ची झलक बताया, जबकि कुछ ने कहा कि बघेल “राजनीति को भावनाओं के जरिए भुनाने की कोशिश” कर रहे हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बघेल का यह पोस्ट केवल निजी भावनाओं का इज़हार नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है, जो आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकता है।
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