नई दिल्ली। Bhor Ka Tara Gochar 2023 नवग्रहों में खास माने जाने वाले ग्रह शुक्र shukra gochar 2023 बहुत जल्द राशि बदलने वाले हैं। भोर का तारा नाम से जाने जाने वाले ग्रह शुक्र इस 30 मई को अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। आपको बता दें अभी तक मिथुन राशि में चल रहे शुक्र 30 मई को कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसी के साथ कुछ राशियां पर इसका अच्छा तो कुछ राशियों पर अशुभ फल देखने को मिल सकता है।
30 मई को होगा गोचर – Bhor Ka Tara
आपको बता दें अभी तक मिथुन राशि में चले रहे शुक्र 30 मई को कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। इनका परिवर्तन 30 मई की रात 7ः39 मिनट पर होगा। इस दिन चंद्रमा अपनी स्वामित्व वाली राशि कर्क में प्रवेश करके शुक्र का ये गोचर 7 जुलाई की सुबह 3ः59 तक रहेगा। इसके बाद फिर ये सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इनका गोचर सूर्य के स्वामित्व वाली राशि यानि सिंह राशि में होगा।
भोर का तारा कहा जाता है शुक्र Bhor Ka Tara
भारतीय ज्योतिष में शुक्र ग्रह को स्त्री तत्व ग्रह माना जाता है। वहीं कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा भी स्त्री प्रधान ग्रह है। कर्क राशि में शुक्र का गोचर मध्यम माना जाता है। कर्क में कफ प्रकृति के शुक्र का प्रवेश होगाए जिससे भारी वर्षा की स्थिति भी निर्मित हो सकती है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह मीन राशि में उच्च और कन्या राशि में नीच राशिगत माने जाते हैं। यह वृषभ और तुला राशियों पर अधिकार रखते हैं और मकर और कुंभ लग्न के लिए योगकारक ग्रह माने जाते हैं। इसके अलावा शुक्र ग्रह को भोग विलासिता का भी प्रतीक माना जाता है।
इन्हें होगा फायदा –
मेष राशि को मिलेगा सुख – Bhor Ka Tara effect on mesh rashi
यदि आपकी मेष राशि है तो आपको बता दें इस राशि के जातकों के लिए शुक्र का ये गोचर चौथे भाव में होने के कारण परिवार में शांति लाएगा। तो वहीं आपको पारिवारिक सुख सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। तो आपके परिवार में प्रेम संबंधों में बढ़ोत्तरी होगी। इस दौरान आपकेे मनोरंजन के नए साधनों की तलाश कर पाएंगे। इस दौरान आप अभिनय, नाटक, नृत्य आदि क्षेत्रों से रूझान बढ़ेगा। इस दौरान आपके कार्यक्षेत्र में उन्नति के अवसर पाएंगे। अगर आप अविवाहित हैं तो विवाह के बंधन में बंध सकते हैं। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में पदोन्नति के भी अवसर मिल सकते हैं। हालांकि यदि आप प्रेम संबंध में है तो आपको लिए ये समय बड़ा नाजुक बीत सकता है। अगर आप इसके दुष्प्रभाव से बचना चाहते हैं तो आपको इस दौरान शुक्र के प्रभाव से बचने के लिए शुक्र देव के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।