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हाईलाइट्स
- भोपाल के पश्चिमी बायपास प्रोजेक्ट का सर्वे शुरू
- फंदा से 3.5 किमी आगे जुड़ेगा नया रूट, पुराने से 5 किमी छोटा।
- भूमि अधिग्रहण में समस्याओं के कारण नया रूट चुना गया।
Bhopal Western Bypass: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पश्चिमी बायपास (Western Bypass) निर्माण को लेकर अब एक बार फिर से कवायद तेज हो गई है। वेस्टर्न बायपास प्रोजेक्ट के काम में तेजी आ गई है। अब बायपास को लेकर मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) ने सर्वे शुरू कर दिया है, जिससे नए रूट की दिशा तय की जाएगी। यह कदम शहर की यातायात समस्या को हल करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
पुराने रूट में विवाद, अब बदला अलाइनमेंट
भोपाल के यातायात को सुगम बनाने के लिए पश्चिमी बायपास प्रोजेक्ट को दोबारा गति मिल गई है। पुराने रूट में जमीन अधिग्रहण की अड़चनों को देखते हुए सरकार ने नए रूट की योजना बनाई है, जिसका सर्वे कार्य प्रारंभ हो गया है। अब यह बायपास फंदा से 3.5 किमी आगे भोपाल-देवास रोड से जुड़ेगा। यह नया अलाइनमेंट पुराने विवादित रूट के मुकाबले छोटा होगा और कम आबादी वाले क्षेत्र से गुजरेगा। सर्वे 30 जून तक पूरा होगा, जिसके बाद DPR तैयार की जाएगी। इसकी रिपोर्ट को पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव देखेंगे।
क्या है नया बदलाव?
भोपाल के बहुप्रतीक्षित पश्चिमी बायपास परियोजना के तहत अब इसका रूट फंदा से 3.5 किलोमीटर आगे ले जाया जाएगा। पहले योजना थी कि यह फंदा से सिर्फ आधा किलोमीटर आगे जुड़े, लेकिन आबादी और भूमि विवाद के कारण इसे और आगे ले जाया जा रहा है।
क्यों बदला गया रूट?
इससे पहले प्रस्तावित रूट में कई रसूखदार लोगों की ज़मीनें आ रही थीं, जिससे अधिग्रहण में दिक्कत हो रही थी। पुराने प्रस्तावित रूट पर रसूखदारों की जमीन आने के कारण विवाद बढ़ गया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐसे विवादित प्रस्ताव को खारिज कर नए रूट की सहमति दी थी। जिसके बाद इसी के मद्देनजर सर्वे प्रारंभ किया गया है।
कब तक होगा सर्वे?
मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा शुरू किया गया यह सर्वे 30 जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी, जिनकी मंजूरी से DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी।
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नया रूट 5 किलोमीटर छोटा होगा
बताया जा रहा है कि नया रूट का प्रस्ताव पुराने से 4 से 5 किलोमीटर छोटा होगा। इससे बड़े तालाब से दूरी साढ़े तीन होगी। यह सर्वे में प्रस्तावित मौजूदा रूट के फाइनल होते ही पूर्वी और पश्चिमी बायपास मिलाकर एक रिंग रोड की शक्ल लेंगे। फिलहाल इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग ₹2600 करोड़ बताई जा रही है, जो आगे SOP के आधार पर घट-बढ़ सकती है।
पश्चिमी बायपास के नए रूट में रातापानी टाइगर रिजर्व का महाबड़िया स्थित बफर क्षेत्र और समसगढ़ का शिवमंदिर बाहर होगा। पहले यह मंडीदीप के आगे इटायाकलां से शुरू होकर फंदा जोड़ तक जाना था। नए रूट में यह 11 मील प्रतापपुरा से शुरू होगा।
भोपाल-देवास रोड को भी मिलेगा अपग्रेड
पहले तय हुआ था कि पश्चिमी बायपास को फंदा से आधा किमी आगे इसे भोपाल-देवास रोड पर मिलाया जाएगा, लेकिन अब इसे आबादी वाले क्षेत्र से 3.5 किमी और आगे किया जा रहा है। नए रूट से दूरी में लगभग 4-5 किलोमीटर की कमी आएगी, जिससे वाहन चालकों को समय और ईंधन की बचत होगी। यह रोड फोर-लेन से छह-लेन किया जा रहा है, जिससे बायपास को इससे जोड़ना भविष्य की दृष्टि से फायदेमंद होगा।
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6 लेन का होगा पूर्वी बायपास
शहर के 52 किमी लंबे फोर लेन पूर्वी बायपास को भी 6 सिक्स लेन किया जा रहा है। भानपुर और भौंरी के आरओबी को 8 लेन का बनाया जाएगा। पूर्वी बायपास पर रोजाना 21,115 वाहन गुजरते हैं और इसे अगले 20 वर्षों के यातायात अनुमान के आधार पर चौड़ा किया जाएगा। टोल प्लाजा से प्रतिदिन लगभग 15 लाख रुपए की आय होती है।
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