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वेटिंग शिक्षकों से सीधी बात: क्यों होनी चाहिए पदवृद्धि, आंदोलन में छोटे बच्चों को लाने और अतिथि व्यवस्था पर ये जवाब

Bhopal Waiting Teacher Protest: वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 से जुड़े आंदोलन और मांग को लेकर वेटिंग शिक्षकों से तीखे सवाल और उस पर ये जवाब...

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Rahul Sharma
वेटिंग शिक्षकों से सीधी बात: क्यों होनी चाहिए पदवृद्धि, आंदोलन में छोटे बच्चों को लाने और अतिथि व्यवस्था पर ये जवाब

हाइलाइट्स

  • DPI के बाहर वेटिंग शिक्षकों का प्रदर्शन जारी
  • वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 में पद बढ़ाने की मांग
  • 25 जुलाई तक भूख हड़ताल कर रहे वेटिंग शिक्षक
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Bhopal Waiting Teacher Protest: राजधानी भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय यानी DPI के बाहर वेटिंग शिक्षकों का प्रदर्शन (Bhopal Waiting Teacher Protest) जारी है।

वेटिंग शिक्षक उच्च माध्यमिक यानी वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 में पद बढ़ाने का मांग कर रहे हैं। यहां 25 जुलाई तक ये वेटिंग शिक्षक भूख हड़ताल (Bhopal Waiting Teacher Protest) पर बैठे हैं।

बंसल न्यूज डिजिटल ने वेटिंग शिक्षकों से पदवृद्धि की मांग कितनी जायज, सरकार को क्यों इनकी सुने और आंदोलन के जरिये क्या कोई दबाव बनाने की रणनीति हैं...जैसे सवाल किये, जिस पर वेटिंग शिक्षकों ने बेबाकी से जवाब दिया।

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वेटिंग शिक्षकों से सवाल और उनके जवाब...

सवाल: ऐसा क्यों लगता है कि सरकार को भर्ती में पदवृद्धि करनी ही चाहिए?
जवाब:वर्ग 1 में ही प्रदेश में 25 हजार से अधिक पद खाली हैं। जुलाई तक बड़ी संख्या में शिक्षक रिटायर भी हुए हैं। स्कूलों में शिक्षक नहीं है। बोर्ड कक्षाओं का रिजल्ट बिगड़ा हुआ है तो फिर मात्र 8076 पदों पर भर्ती करने से क्या मतलब। पदवृद्धि होना ही चाहिए।
सवाल: सरकार आपकी सोच से नहीं बल्कि बजट मैंनेजमेंट से चलती है?
जवाब:सरकार खुद कई बार ये कह चुकी है कि पैसों की कोई कमी नहीं है। जब लाड़ली बहना योजना जैसी स्कीम पर पैसा लुटाया जा सकता है तो हम तो वाजिब मांग ही कर रहे हैं। जब फ्री स्कीम में देने के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है तो सरकार हमें सैलरी तो दे ही सकती है।

— Bansal News (@BansalNewsMPCG) July 20, 2024

सवाल: आपको क्यों लगता है कि आम लोगों को आपका समर्थन करना चाहिए?
जवाब:बिल्कुल करना चाहिए, आम लोगों के बच्चे ही सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। प्रदेश के 1286 स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है। तो वहां की शिक्षा व्यवस्था क्या होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारे साथ ये एक आम व्यक्ति और उनके बच्चे के भविष्य की लड़ाई है, इसलिए लोगों को हमें सपोर्ट करना चाहिए।
सवाल: जहां शिक्षक नहीं, वहां सरकार अतिथि की व्यवस्था करती है, इसमें दिक्कत क्या है?
जवाब:जब आपके पास दो दो एग्जाम क्वालिफाई योग्य शिक्षक हैं तो आप अतिथियों की जगह पर इन्हें क्यों नियुक्त नहीं करते। नियमित शिक्षक होंगे तो रिजल्ट को लेकर उनकी जवाबदेही भी होगी। आज रिजल्ट के मामले में प्रदेश का क्या स्थान है ये किसी से छुपा नहीं है।
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सवाल: भोपाल में लोक​ शिक्षण संचालनालय के बाहर आंदोलन 25 जुलाई तक ही क्यों?
जवाब:वर्ग 1 की ही भर्ती से जुड़े मामलों की सुनवाई जबलपुर हाईकोर्ट में 25 जुलाई को होना है। संभावना है उस दिन कोई डिसीजन आ जाए। इसलिए हमने भी 25 जुलाई तक आंदोलन करने का फैसला किया है। हाईकोर्ट की कार्रवाई के आधार पर हम अपनी आगे की रणनीति बनाएंगे।
सवाल: आपके आंदोलनों में छोटे बच्चे भी दिखते हैं, क्या ये प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा है?
जवाब:नहीं...नहीं...ये बिल्कुल गलत है। छोटे बच्चे अपने मां के बिना कैसे रहेंगे। इसलिए उन्हें लाना ही पड़ता है। मां की मजबूरी है आंदोलन में आना। यदि वे आवाज नहीं उठाएगी तो नौकरी नहीं मिलेगी। नौकरी नहीं मिली तो जिन छोटे बच्चों की आप बात कर रहे हो उनका ही भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।
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सवाल: राजधानी में ही ये चौथा आंदोलन है, टुकड़ों में आंदोलन के पीछे रणनीति क्या है?
जवाब:हम शिक्षक हैं...आंदोलन करना शौक नहीं मजबूरी है। हम तो चाहते हैं कि एक भी आंदोलन करने की जरुरत न पड़े। हम एक आंदोलन करके ये देखते हैं कि विभाग हमारी मांग को क्या कर रहा है, जब हमें लगता है कि कहीं कुछ नहीं हो रहा तो फिर सरकार के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने दूसरा आंदोलन करते हैं।
सवाल: लगातार अधिकारी नेताओं से मिल रहे हैं, क्या लगता है सरकार आपकी बात मानेंगी!
जवाब:हमारी मांग जायज है...सरकार को माननी ही चाहिए। एक भर्ती में नौकरी पाने के लिए उम्मीदवार 100 में से 85, 90 और 95 ही नंबर लाएगा। हम वो लाए हैं। उसके बाद भी नौकरी नहीं मिल रही। दो बार परीक्षा दी है। हम योग्य उम्मीदवार हैं। सरकार कम पदों के नाम पर हमारी इस तरह से बलि नहीं दे सकती।
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भर्ती को लेकर मंत्री ये दे चुके हैं जवाब

भर्ती विवाद को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह पहले ही कह चुके हैं कि बेरोजगार नौजवान को ऐड्रेस करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बेरोजगार बच्चों को समय रहते उनके जॉब मिलना चाहिए।

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जिन बच्चों के जॉब कोर्ट में लंबित प्रकरणों के कारण रूके हैं। हमारी पूरी संवेदनाएं उनके साथ है। हम फॉलोअप भी कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द निराकरण होकर बच्चों को जॉब मिल सके।

हम इस पूरे मामले को सतर्कता के साथ देख रहे हैं कि यदि कोई निर्णय बच्चों के हित में है तो हम अपील में नहीं जाएंगे। बहुत वैध कारण होने पर ही अपील करेंगे।

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