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भोपाल यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जला: MP हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा-वो वीरान जगह बताएं जहां राख जमींदोज की जा सके

Bhopal Union Carbide Waste: भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्टरी का जहरीला कचरा जल चुका है। अब राख नष्ट करने की जगह को लेकर स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं।

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Rahul Garhwal
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हाइलाइट्स

  • भोपाल की यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जला
  • कचरे की राख नष्ट करने की जगह को लेकर विरोध कर रहे लोग
  • हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा-वीरान जगह बताएं
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Bhopal Union Carbide Waste: भोपाल की यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जल चुका है। अब कचरे की राख बची है। सरकार उस राख को उसी जगह पर गड़ाना चाहती है, जहां कचरे को जलाया गया है। स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि वर्तमान स्थल के साथ-साथ वैकल्पिक वीरान स्थान का चयन करके भी बताएं जहां उक्त राख को जमींदोज किया जा सके। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 14 अगस्त को निर्धारित की है।

कोर्ट को नहीं मिला संतोषजनक जवाब

गुरुवार को यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को नष्ट के मामले में एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य हाजिर हुए। कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों से कुछ सवाल किए। एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य उन सवालों संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। लिहाजा, कोर्ट ने सभी जवाबों के प्रति असंतोष जताया।

कोर्ट ने किए थे ये सवाल

हाई कोर्ट की युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा नष्ट करने के दौरान हैवी मेटल और मर्करी को लेकर सवाल किया था। यह भी पूछा था कि जब मामला इतना जटिल था, तो यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा नष्ट करने के लिए ऐसी साइट क्यों चुनी गई, जिसके आसपास काफी संख्या में नागरिक निवास करते हैं। इस बात की परवाह क्यों नहीं की गई कि यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया में लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को क्षति हो सकती है।

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14 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

[caption id="attachment_869396" align="alignnone" width="908"]mp high court मध्यप्रदेश हाईकोर्ट[/caption]

सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश शासन की ओर से पक्ष रखने खड़े हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत सिंह रूपराह ने समय दिए जाने की मांग करते हुए भरोसा दिलाया कि आगामी सुनवाई के दौरान एक्सपर्ट कमेटी के इन सभी सदस्यों को तैयार करके लाएंगे। यह सुनते ही कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए सवाल दागा कि एक्सपर्ट आप हो या ये लोग। एक्सपर्ट को भला आप कैसे तैयार करेंगे। बहरहाल, आगामी सुनवाई तिथि 14 अगस्त निर्धारित की जाती है। उस दिन सभी एक्सपर्ट सदस्य कोर्ट के द्वारा पूछे गए सवालों के परिप्रेक्ष्य में अपेक्षाकृत अधिक संतोषजनक सहित हाजिर हों।

हाईकोर्ट ने पहले दिए थे ये निर्देश

याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और खालिद नूर फखरुद्दीन ने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से रिपोर्ट पेश की गई थी। जिसमें बताया गया था कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विनिष्टिकरण सफलतापूर्वक पीथमपुर स्थित सुविधा केंद्र में कर दिया गया है। केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में जहरीले कचरे का विनिष्टिकरण किया गया है। जहरीले कचरे से 850 मीट्रिक टन राख और अवशेष एकत्रित हुआ है। एमपी-पीसीबी से सीटीओ मिलने के बाद अलग लैंडफिल सेल में उसे नष्ट किया जाएगा। कोर्ट ने रिपोर्ट को रिकार्ड पर ले लिया था। इसी के साथ कंपाइल स्टेसस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।

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इस बीच हाईकोर्ट में एक अन्य जनहित याचिका के जरिए दावा किया गया है कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे की राख में रेडियो एक्टिव पदार्थ सक्रिय हैं, जो चिंता का विषय है। हाईकोर्ट ने इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद मूल मामले के साथ सुनवाई की व्यवस्था दे दी है। आगामी सुनवाई में एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों के जवाबों पर गौर करने के साथ अन्य बिंदुओं पर भी विचार किया जाएगा।

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