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Bhopal Tiger Movement: भोपाल-रायसेन सीमा पर 8 से ज्यादा टाइगर्स का मूवमेंट, हरिपुरा में नए बाघ ने दी दस्तक

Bhopal Raisen Border Tigers Movement Update: मध्यप्रदेश राजधानी भोपाल के आसपास के जंगल बाघों के लिए नई पसंद बनते जा रहे हैं। रायसेन की ओर से भटककर एक नया बाघ अब समरधा रेंज के हरिपुरा इलाके में पहुंचा है।

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BP Shrivastava
Bhopal Tiger Movement

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हाइलाइट्स

  • हरिपुरा जंगल में नए बाघ की दस्तक
  • वन विभाग बढ़ाएगा गश्त और निगरानी
  • भोपाल में नया टाइगर टूरिज्म पॉइंट संभव
Bhopal Tiger Movement: मध्यप्रदेश राजधानी भोपाल के आसपास के जंगल बाघों के लिए नई पसंद बनते जा रहे हैं। रायसेन की ओर से भटककर एक नया बाघ अब समरधा रेंज के हरिपुरा इलाके में पहुंचा है। इस क्षेत्र में पहली बार किसी बाघ की आदम दर्ज हुई है। वन विभाग के सूत्रों की मानें तो रायसेन और भोपाल की सीमा पर 8 से ज्यादा बाघों का मूवमेंट है, जिससे वन विभाग के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।
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नई टैरिटरी की तलाश में हरिपुरा पहुंचा बाघ

वन्यप्राणी जानकारों का कहना है कि रायसेन और भोपाल के बीच बाघों की मौजूदगी को देखते हुए इस क्षेत्र में नया पर्यटक स्थल विकसित किया जाना चाहिए। वन अफसरों का कहना है कि ये बाघ रातापानी टाइगर रिजर्व से नहीं बल्कि अन्य इलाके से नई टैरिटरी की तलाश में हरिपुरा पहुंचा है। इससे साफ हो गया है कि बाघ नए घर तलाश रहे हैं।

वन विभाग निगरानी बढ़ाने की तैयार में

वन विभाग अब इस इलाके में अतिरिक्त गश्त और कैमरा ट्रैप लगाने की तैयारी कर रहा है। अभी 15 ट्रैप कैमरे से इसकी सतत निगरानी की जा रही है। साथ ही ग्रामीणों के लिए लगातार मुनादी कराई जा रही है।

फोर्स और संसाधनों की कमी बनी चुनौतियां

समरधा-हरिपुरा इलाके में स्टाफ की संख्या कम है। बाघों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फोर्स की जरूरत है। यहां बाघ और इंसान के बीच टकराव की आशंका बढ़ी है। शिकार की कमी से बाघ गांवों की ओर रुख कर मवेशी का शिकार कर रहे हैं। कैमरा ट्रैप और अन्य संसाधनों की संख्या सीमित है। पेट्रोलिंग वाहनों की भी कमी है। नए कॉरिडोर की पहचान और संरक्षण की भी चुनौती है।

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बन सकता है नया अर्बन टूरिज्म पॉइंट

वन्य प्राणी प्रेमियों और पूर्व वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि हरिपुरा का जंगल बाघों के लिए एक नया आश्रय स्थल बन सकता है। यदि यहां संरक्षण और पर्यटन विकास को योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाए, तो यह क्षेत्र भोपाल के लिए टाइगर टूरिज्म का एक नया केंद्र बन सकता है। इसी तरह, कलियासोत और केरवा में अर्बन टाइगर टूरिज्म पर सरकार को काम करना चाहिए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और भोपाल को एक नई पहचान भी मिलेगी।

वन विभाग के डीएओ ने क्या कहा ?

भोपाल वन मंडल के डीएफओ लोकप्रिय भारती को कहना है कि यह सही है कि हरिपुरा में नए बाघ ने दस्तक दी है। उसने अभी यहां पर डेरा डाला हुआ है। यहां के लोगों को मुनादी कराके जागरूक किया जा रहा है। शायद यह बाघ नई टैरिटरी की तलाश में यहां पहुंचा है।

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