Advertisment

Bhopal: सिंधिया परिवार और पवैया के बीच 23 साल से चली आ रही सियासी अदावत की कहानी

Bhopal: सिंधिया परिवार और पवैया के बीच 23 साल से चली आ रही सियासी अदावत की कहानी Bhopal: The story of the 23-year-old political feud between Pawaiya and the Scindia family, know what is the whole matter nkp

author-image
Bansal Digital Desk
Bhopal: सिंधिया परिवार और पवैया के बीच 23 साल से चली आ रही सियासी अदावत की कहानी

भोपाल। कहते हैं कि राजनीति में सबकुछ जायज है। यहां कोई दोस्त नहीं होता, तो कोई दुश्मन भी नहीं होता है। तभी तो जयभान सिंह पवैया के साथ सिंधिया परिवार की 23 साल से चली आ रही अदावत को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक झटके में खत्म कर दिया। सिंधिया ने खुद पवैया के घर जाकर उनसे मुलाकात की और कहा कि अब नए रिश्ते की शुरूआत हो रही है।

Advertisment

सिंधिया ने अतीत-अतीत होता है

एमपी की राजनीति इस बात की गवाह रही है कि जयभान सिंह पवैया और ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी एक-दूसरे के घर नहीं गए हैं। लेकिन शुक्रवार को पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयभान सिंह पवैया के घर गए। कहा गया कि बीते 20 अप्रैल को पवैया के पिता का निधन हो गया था इस कारण से सांत्वना देने सिंधिया उनके घर पहुंचे थे। सिंधिया ने भी मुलाकात के बाद कहा कि जयभान सिंह पवैया जी से नया संबंध, नया रिश्ता कायम करने की कोशिश की है, अतीत-अतीत होता है, वर्तमान-वर्तमान होता है। हम दोनों भविष्य में आगे काम करेंगे। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर ऐसा क्या हुआ था कि दोनों परिवारों के बीच 23 साल से अनबन चल रही थी।

मामूली अंतर से जीत पाए थे माधवराव सिंधिया

दरअसल, ये लड़ाई जयभान सिंह पवैया और सिंधिया परिवार के बीच 'सियासी अदावत' के चलते पिछले 23 साल से चलती आ रही थी। साल 1998 में जयभान सिंह पवैया ने तत्कालीन कांग्रेस नेता और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया के खिलाफ ग्वालियर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में सिंधिया और पवैया के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। माधवराव सिंधिया इस चुनाव में महज 28 हजार वोट से जीते पाए थे। बेहद मामूली जीत के कारण सिंधिया नाराज हो गए और इसके बाद आगे ग्वालियर से चुनाव नहीं लड़ा। वे गुना लोकसभा से चुनाव लड़ने चले गए।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी दी कड़ी टक्कर

माधवराव सिंधिया के बाद पवैया और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच भी सियासी अदावत जारी रही। 2014 के लोकसभा चुनाव में गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ जयभान सिंह पवैया ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस बार भी मुकाबला कांटे का हुआ। कभी चार लाख के अंतर से चुनाव जीतने वाले सिंधिया महज एक लाख बीस हजार वोट से जीत पाए।

Advertisment

राजमाता के करीब रहे

जयभान सिंह पवैया की सियासी अदावत भले ही माधवराव और ज्योतिरादित्य सिंधिया से रही हो, लेकिन पवैया राजमाता विजयाराजे सिंधिया के हमेशा करीब रहे। वे जनसंघ से लेकर बीजेपी तक में राजमाता से जुड़े रहे। एमपी में जयभान सिंह पवैया बीजेपी के बड़े और फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं। शिवराज सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे हैं। हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में वे हार गए थे, इस कारण से आज-कल वे सुर्खियों से दूर हैं।

Gwalior News ज्योतिरादित्य सिंधिया Latest gwalior News gwalior Headlines gwalior News in Hindi jyotiraditya met jaibhan singh pawaiya jyotiraditya scindia 23 year old enmity jyotiraditya scindia and pawaiya story jyotiraditya scindia in enemy house jyotiraditya scindia met archaic enemy jyotiraditya scindia new relation jyotiraditya scindia new story Jyotiraditya Scindia VS Jaibhan Singh Pawaiya scindia and pawaiya meeting ग्वालियर Samachar
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें