हाइलाइट्स
- सिंधिया से मुलाकात पर दिग्विजय सिंह का बयान।
- एक मंच पर बैठने को लेकर बोले दिग्विजय सिंह।
- बोले- सिंधिया जी खुद हाथ पकड़ मुझे मंच पर ले गए थे ।
ग्वालियर से उमेश पाराशर की रिपोर्ट
Bhopal Jyotiraditya Scindia Digvijay Singh Viral Video: मध्यप्रदेश की सियासत में राजा और महाराज के नाम से पहचाने जाने वाले दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों सुर्खियों में हैं… एमपी में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बीच एक ऐसा भी क्षण देखने को मिला जिसने सभी को हैरत में डाल दिया। भोपाल के एक स्कूल कार्यक्रम में जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह एक मंच पर साथ नजर आए। सिंधिया ने पूर्व सीएम को हाथ पकड़कर अपने साथ मंच पर बैठाया। अब यह दृश्य राजनीतिक मर्यादा और आपसी सम्मान का प्रतीक बन गया।
राजनीति में लंबे समय बाद ऐसा नजारा
5 साल बाद जब ‘राजा’ और ‘महाराज’ एक साथ दिखे तो सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। दोनों नेताओं के मिलने का वीडियो वायरल ने सियासी पंडितों को हैरान कर दिया। अब कार्यकम में मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खुलासा किया है कि सिंधिया उन्हें किस वजह से ले गए थे। उन्होंने बताया कि सिंधिया जी मेरे बेटे जैसे हैं।
सिंधिया मेरे बेटे जैसे, कांग्रेस छोड़ना उनका फैसला
सिंधिया के साथ मंच पर बैठने को लेकर ग्वालियर में मीडिया के सवालों पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि छोटी से बात को चर्चाओं का बाजार गर्म है, मैनें हमेशा से हमारे लोग चाहे किसी भी पार्टी से हो, सिंधिया जी मेरे बेटे के समान हैं, माधवराव सिंधिया के साथ हमने काम किया है, माधवराव सिंधिया को हम ही कांग्रेस में लेकर आए थे। नेहरू-गांधी परिवार ने उन्हें पूरा सम्मान दिया.. इज्जत दी, ज्योतिरादित्य को भी पूरा सम्मान दिया। पार्टी में जगह दी… वे कांग्रेस छोड़ गए, यह उनका फैसला था।
सिंधिया जी आए और हाथ पकड़कर ले गए
आगे दिग्विजय सिंह ने भोपाल के निजी स्कूल के कार्यक्रम को लेकर कहा कि… इस कार्यक्रम में केंद्रिय मंत्री सिंधिया मुख्य अतिथि शामिल हुए थे, मैं मंच पर नहीं था, दर्शकदीर्घा में बैठा था, इसके बाद वे (सिंधिया) आए और मंच लेकर ले गए।
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मंच पर क्यों नहीं बैठते दिग्विजय सिंह?
इसके बाद मंच पर बैठने की कमस खाने को लेकर दिग्विजय सिंह कहा कि यह बात भी सामने आई है कि दिग्विजय सिंह मंच नहीं बैठते, मंच पर नहीं बैठने को लेकर उन्होंने साफ किया कि
मैं कांगेस के मंच पर इसलिए नहीं बैठना चाहता, अक्सर देखने में आता है मंच पर कौन बैठेगा, कौन नहीं इसको लेकर विवाद होता है। इसलिए मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठना पसंद करता हूं, राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद भी यही परंपरा रही, जिसको भाषण देना होता था वो मंच पर जाता था। मंच पर मुख्य अतिथि बैठते थे, विधायक- सांसद नहीं बैठते थे।
स्कूल कार्यक्रम बना राजनीतिक शिष्टाचार का मंच
दरअसल, भोपाल में एक निजी स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुलाकात ने सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बन गई। , कार्यक्रम में जैसे ही मुख्य अतिथि सिंधिया मंच पर पहुंचे, उन्होंने देखा कि दिग्विजय सिंह नीचे श्रोताओं के बीच बैठे हुए हैं।
दिग्विजय सिंह को मंच पर ले गए सिंधिया
इस दौरान राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए सिंधिया मंच से उतरकर खुद उनके पास पहुंचे, हाथ जोड़कर अभिवादन किया और फिर ससम्मान उन्हें मंच पर लेकर आए। इस दौरान उन्होंने दिग्विजय सिंह की पत्नी का भी हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इस दृश्य पर पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। अब कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं की मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।