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Bhopal School Bus Accident: बस नंदा एजुकेशन सोसायटी के नाम पर, अप्रैल में बेचने के बाद भी RTO रिकार्ड में नहीं बदला नाम

Bhopal School Bus RTO Registration Controversy: भोपाल के बाणगंगा चौराहा पर ग्रीन सिग्नल के इंतजार में खड़े वाहन चालकों को रौंदकर गुजरने वाली स्कूल बस मामले में टीटी नगर पुलिस ने जिस व्यक्ति पर बस मालिक मानते हुए एफआईआर दर्ज की है। वास्तविकता में यह बस परिवहन विभाग के रिकार्ड में उसके नाम पर पंजीकृत ही नहीं है। जिस एजुकेशन सोसायटी के नाम पर यह बस पंजीकृत है। पुलिस ने उस संस्था पर दूसरे दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अब पुलिस की कार्रवाई भी जांच पर भी सवाल उठन लगे हैं।

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sanjay warude
Bhopal School Bus RTO Registration Controversy

Bhopal School Bus RTO Registration Controversy

हाइलाइट्स

  • मूल बस मालिक को पुलिस ने छोड़ा
  • जिसके नाम पंजीकृत नहीं एस पर FIR
  • पुलिस कार्रवाई पर उठने लगे सवाल
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Bhopal School Bus RTO Registration Controversy: भोपाल के बाणगंगा चौराहा (Banganga Square) पर ग्रीन सिग्नल (Green Signal) के इंतजार में खड़े वाहन चालकों को रौंदकर गुजरने वाली स्कूल बस (School Bus) को लेकर एक नया मामला सामने आया है। इस मामले में टीटी नगर पुलिस (TT Nagar Police) ने बस मालिक मानते हुए जिस व्यक्ति पर FIR दर्ज की है। जबकि वास्तविकता में यह बस परिवहन विभाग (RTO) के रिकार्ड में उसके नाम पर पंजीकृत ही नहीं है। जिस एजुकेशन सोसायटी (Nanda Education Society) के नाम पर यह बस पंजीकृत है। पुलिस ने उस संस्था पर दूसरे दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अब पुलिस की कार्रवाई भी जांच पर भी सवाल उठन लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि ट्रांसफर खर्च बचाने के लिए आरटीओ (RTO) रिकार्ड में स्कूल बस मालिक का नाम नहीं बदला है।

मूल बस मालिक के कहने पर FIR में बदला आरोपी

नंदा एजुकेशन सोसायटी ने यह स्कूल बस ग्राम दिल्लौर (Dillore) निवासी प्रवेश नागर (Pravesh Nagar) को अप्रैल में बेचना बताया। जिसके बाद टीटी नगर पुलिस ने प्रवेश नागर को मूल मालिक मानते हुए एफआईआर दर्ज कर दी। प्रवेश नागर को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। कायदे से मूल बस मालिक को बस बेचते समय आरटीओ रिकार्ड में नाम ट्रांसफर करना चाहिए था।

खर्च बचाने RTO रिकार्ड में नहीं किया नाम ट्रांसफर

परिवहन विभाग के रिकार्ड में वाहन का नाम ट्रांसफर करने की प्रक्रिया होती है। जिसके तहत वाहन बेचने के साथ आरटीओ रिकार्ड में वाहन मालिक का नाम भी बदला जाता है। जिसमें ट्रांसफर राशि का खर्च वाहन बेचने वाले को देना होता है। कुछ सौदों में बेचने और खरीदने वाले को नाम ट्रांसफर का खर्च मिलकर उठाना पड़ता है। सूत्र बताते है कि नाम ट्रांसफर का खर्च बचाने की वजह से अब तक रिकार्ड में वाहन मालिक का नाम नहीं बदला है।

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ब्रेक फेल होने पर वाहन चालकों को रौंदते गुजरी थी बस

भोपाल के बाणगंगा चौराहा पर रविवार, 12 मई को ब्रेक फेल होने पर बस सिग्नल पर खड़े वाहन चालकों को रौंदते हुए गुजरी थी। जिसमें ड्यूटी से घर लौट रही डॉक्टर आयशा खान (Dr. Ayesha Khan) की मौत हो गई थी। इस हादसे में अन्य पांच लोग गंभीर घायल हुए। जिसके बाद मोहन सरकार (Mohan Sarkar) ने मामले को संज्ञान में लिया। जांच में सामने आया कि 5 महीने पहले बस का फिटनेस खत्म हो चुका था। पंजीयन नहीं था और बीमा भी नहीं था।

लापरवाही पर संभागायुक्त RTO को कर चुके सस्पेंड

लापरवाही पर संभागायुक्त संजीव सिंह (Divisional Commissioner Sanjeev Singh) ने आरटीओ जितेंद्र शर्मा (RTO Jitendra Sharma) को सस्पेंड कर दिया था। इस मामले में टीटी नगर पुलिस ने परिवहन पोर्टल से बस मूल बस मालिक का नाम सर्च किया। जिसमें बस नंदा एजुकेशन सोसायटी के नाम से पंजीकृत मिली। पुलिस एजुकेशन सोसायटी के प्रदीप पांडे (Pradeep Pandey) से पूछताछ की। जिसमें उनका कहना था कि यह बस उन्होंने अप्रैल में बेच दी थी।

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MP School Bus RTO Rules

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