RGPV Scam ED Action: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) में हुए ₹19.48 करोड़ के घोटाले (RGPV Scam) में शामिल आरोपियों की ₹10.77 करोड़ की चल-अचल संपत्ति कुर्क कर ली है। इस मामले में पूर्व कुलपति सुनील कुमार, तत्कालीन रजिस्ट्रार राकेश सिंह राजपूत, पूर्व वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा समेत कई अन्य अधिकारी और बैंक अफसर शामिल हैं।
ईडी ने 10.77 रुपये करोड़ की संपत्ति कुर्क की
ईडी ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत कार्रवाई की है। जांच एजेंसी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में अचल संपत्तियां, बैंक बैलेंस, और निवेश शामिल हैं। यह कार्रवाई भोपाल के गांधी नगर थाने में दर्ज FIR के आधार पर की गई थी।
1.67 करोड़ की ज्वेलरी, बैंक बैलेंस और म्यूचुअल फंड पहले ही फ्रीज
ईडी की जांच में यह सामने आया है कि RGPV अधिकारियों और बैंक अफसरों ने विश्वविद्यालय के ₹19.48 करोड़ के फंड की हेराफेरी कर उसे निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया। इससे पहले, ईडी ने ₹1.67 करोड़ मूल्य की ज्वेलरी, म्यूचुअल फंड और बैंक बैलेंस भी फ्रीज कर दिए थे।
शैलेंद्र पसारी की भी ₹57.96 लाख की संपत्ति कुर्क
ईडी ने जबलपुर के शैलेंद्र पसारी के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई की है। पीएमएलए, 2002 के तहत उनकी ₹57.96 लाख की चल-अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है।
शैलेंद्र पसारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत CBI-ACB जबलपुर ने FIR दर्ज की थी। CBI जांच में पाया गया कि उन्होंने 1.30 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की थी।
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72.97 लाख नकद बरामद, फिक्स्ड डिपॉजिट में बड़ा निवेश
ईडी जांच में यह भी सामने आया कि शैलेंद्र पसारी ने बैंक खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए बड़ी मात्रा में काला धन जमा किया। CBI ने उनकी और उनकी पत्नी ज्योति पसारी की संपत्तियों की जांच के दौरान ₹72.97 लाख नकद बरामद किए थे।
ईडी की कार्रवाई जारी, आगे और गिरफ्तारियां संभव
ईडी ने संकेत दिए हैं कि RGPV घोटाले और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। जांच एजेंसी अब घोटाले से जुड़े अन्य सरकारी और निजी अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।
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