भोपाल। अगर आप स्टेशन से कहीं आना—जाना चाहते हैं और Bhopal Railway News आपके पास अपना वाहन नहीं है तो अब टेंशन लेते की जरूरत नहीं है। भोपाल रेलवे स्टेशन प्रदेश का पहला ऐसा स्टेशन बनने जा रहा है जहां पर अब तीन पहिया वाहनों को किराए पर लिया जा सकता है। जी हां अगले माह 15 अक्टूबर से यह सुविधा शुरू होने वाली है। इतना ही नहीं यहां पर अपने इलेक्टिक वाहनों को चार्ज भी करने की सुविधा दी जाएगी। बस इसके लिए आपको निर्धारित शुल्क चुकाना होगा।
यात्री ही नही आम नागरिक भी उठा सकते हैं लाभ
शुरूआत तीन पहिया वाहनों से ये सुविधा दी जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर फोर व्हीलर में भी यह सुविधा दी जाएगी। इस योजना की खासबात यह होगी रेलयात्रियों के अलावा आम नागरिक भी इसका लाभ उठा पाएंगे।
यह रहेगा शुल्क
इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहन में ज्यादा से ज्यादा तीन लोग ही बैठ सकेंगे। इसके लिए प्रति किलोमीटर के हिसाब से 16 रुपये चुकाने होंगे। चार पहिया वाहन का किराया अलग से निर्धारित होगा। आम आदमी खुद के इलेक्ट्रिक वाहन भी यहां चार्ज कर सकेंगे। इस सुविधा के लिए अलग से चार्जिंग प्वाइंट बनाया जाएगा। जिसमें चार्ज करने के लिए आपको प्रति यूनिट चार्जिंग पर 18 रुपये देय होगा। चार्जिंग की यह सुविधा प्लेटफार्म क्रमांक 1 और प्लेटफार्म क्रमांक 6 पर मिलेगी। इस तरह की सुविधा देने वाला भोपाल रेलवे स्टेशन मप्र का पहला स्टेशन बनेगा। इससे पहले यह सुविधा पटना समेत कुछ ही स्टेशनों पर ही मिल रही है।
प्रतिदिन इतने यात्रियों की होती है आवाजाही
30 हजार यात्री रोज गुजरते हैं
जानकारों के मुताबिक भोपाल रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन करीब 30 हजार से अधिक यात्रियों की आवाजाही होती हैं। इनमें भोपाल से जाने व यहां अपनी यात्रा पूरी करने वाले लोग शामिल हैं। जिसमें से करीब 3200 से अधिक यात्री प्रतिदिन आटो, टैक्सी, निगम की बसों का उपयोग आने—जाने के लिए करते हैं। शेष यात्रियों अपने प्राइवेट वाहनों का उपयोग करते हैं। रेलवे के अधिकारियों को उम्मीद है किराए और चार्जिंग की इस सुविधा से रेलवे को सालाना 2.50 लाख रुपये का राजस्व मिल सकता है।
पर्यावरण के लिए फायदेमंद
पेट्रोल और डीजल वाहनों का बढ़ता उपयोग शहर के वातावरण को भी प्रदूषित कर रहा है। जानकारी के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 के पार पहुंच जाता है। जिसका मुख्य कारण धुआं और उसमें पाए जाने वाले जहरीले कण भी होते हैं। रेलवे अधिकारियों की मानें तो इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से पेट्रोल व डीजल के उपयोग में थोड़ी—बहुत कमी तो आएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में यह सेवा कारगर साबित हो सकती है।