Bhopal Property Dealer Kidnapping: भोपाल में एक रियल एस्टेट कारोबारी नितेश सिंह ठाकुर का अपहरण हुआ। आरोपियों ने परिजन से 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और बाद में 30 लाख रुपये लेकर उन्हें छोड़ दिया। आरोपी पीड़ित के पूर्व परिचित हैं। घटना 27-29 अक्टूबर के बीच ग्वालियर में हुई, जहां नितेश को सगाई के निमंत्रण पर बुलाया गया था। अब इस मामले को उठाते हुए एमपी के नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने मांगा सीएम का इस्तीफा
राजधानी भोपाल से एक प्रॉपर्टी डीलर का 30 लाख की फिरौती के लिए अपहरण का मामला रोंगटे खड़े करने वाला है।
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें एक पुलिस हवलदार संलिप्त है जिसे महज़ लाइन अटैच किया गया है।सूबे के मुख्यमंत्री "मौन यादव" गृह विभाग भी अपने पास ही रखे हुए हैं।
उनकी…
— Umang Singhar (@UmangSinghar) November 18, 2024
उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि भोपाल में एक प्रॉपर्टी डीलर का 30 लाख की फिरौती के लिए अपहरण हुआ है, जिसमें एक पुलिस हवलदार भी शामिल है। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पर अपराध बढ़ने के लिए लापरवाही का आरोप लगाया और गृह विभाग की जिम्मेदारी से उन्हें मुक्त करने की मांग की।
क्या है पूरा मामला
भोपाल में एक रियल एस्टेट कारोबारी नितेश सिंह ठाकुर का अपहरण हुआ। मुरैना टोल के पास से उन्हें अगवा किया गया। आरोपियों ने उन्हें एक होटल के बेसमेंट में बंधक बनाकर पीटा और 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। इसके बाद पत्नी ने 30 लाख रुपये दिए थे। जिसके बाद आरोपियों ने उन्हें छोड़ दिया। लेकिन अब आरोपी फिर से 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांग रहे हैं। इसके बाद पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। नितेश सिंह ठाकुर ने बताया कि आरोपियों को उनकी 32 करोड़ रुपये में हुई जमीन बिक्री की जानकारी थी।
आरोपियों में एक भोपाल ट्रैफिक पुलिस का आरक्षक
नितेश सिंह ठाकुर ने बताया कि वे दानिश हिल्स कोलार, भोपाल में रहते हैं। उनके पूर्व परिचितों ने उनकी 32 करोड़ रुपये की जमीन बिक्री की जानकारी हासिल कर उन्हें अगवा किया। आरोपियों में संजय राजावत, पंकज परिहार, हेमंत चौहान, ओम राजावत और आकाश राजावत शामिल हैं, जो भोपाल में प्रॉपर्टी का काम करते हैं। आरोपी उनके परिचित थे और उन्हें ग्वालियर में एक सगाई में बुलाया था। नितेश ने उनके बुलावे पर 27 अक्टूबर को भोपाल से ग्वालियर के लिए टैक्सी से रवाना हुआ, लेकिन रास्ते में मुरैना टोल के पास उन्हें अगवा कर लिया गया।
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आरक्षक को लाइन अटैच किया
शिकायत मिलने के बाद शुक्रवार को आरक्षक हेमंत चौहान को लाइन हाजिर कर दिया गया। हेमंत एफआईआर में भी नामजद है। वहीं अब इस मामले को लेकर विपक्ष ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
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