भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल, यहां एक अस्पताल है। जहां मरीज भूतों के साथ मिलकर अपना इलाज कराते हैं। आप भी सोच रहे होंगे कि ये कैसा अस्पताल है। आप चौंक भी रहे होंगे। लेकिन यह सच है। इस अस्पताल का पांचवा प्लोर बीते 8-9 सालों से भूतों के डर से बंद है। शहर के इंदिरा गांधी महिला एवं बाल्य चिकित्सालय का पांचवा मंजिल जिसमें 20 कमरों का प्रायवेट वार्ड बनाया गया था वो काफी टाइम से भूतों के डर के कारण बंद है।
पांचवीं मंजिल को छोड़ शेष पर चलता है अस्पताल
इस अस्पताल के पांचवीं मंजिल को शहर के सबसे भयानक जगहों में से एक माना जाता है। हालांकि इस मंजिल को अगर छोड़ दिया जाए, तो शेष मंजिलों पर आसानी से अस्पताल चलता है और इसे शहर के सबसे लोकप्रिय और बेहतर अस्पतालों में से एक माना जाता है।
अस्पताल प्रशासन ने वॉर्ड में जड़ दिया है ताला
अस्पताल में आने वाले कई रोगी आत्माओं, प्रेतो और कुछ अदृश्य शक्तियों के बारे में शिकायत करते रहते हैं। कोई भी मरीज अस्पताल के पांचवें मंजिल पर नहीं जाना चाहता। कहा जाता है कि पांचवे फ्लोर पर बनें पूरे वार्ड में भूतों का कब्जा है। अस्पताल प्रशासन ने भी पूरे वॉर्ड में ताला जड़ दिया है। कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी वहां जाने से डरता है।
कर्मचारी तो भूत देखने का भी दावा करते हैं
बतादें कि अस्पताल में कुल पांच फ्लोर हैं। लेकिन काम सिर्फ चार फ्लोर के बीच ही होता है। हॉस्पिटल के कर्मचारी तो यहां तक दावा करते हैं कि उन्होंने भूतों को भी देखा है। गौरतलब है कि अस्पताल के पांचवे मंजिल को कभी 20 कमरों का फूल एयर कंडीशन प्राइवेट वॉर्ड बनाया गया था। शुरूआत में इस फ्लोर पर गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का इलाज होता था। लेकिन अचानक से यहां धीरे-धीरे सभी मरीजों की रहस्यमय तरीके से मौत होने लगी। इन वार्डों में जो भी मरीज गया वो वापस जिंदा नहीं आया।
20 कमरों में ताले लटके हैं
इन घटनाओं के बाद वहां अजीबो गरीब घटनाओं का सिलसिला भी शुरू हो गया। जिसके बाद से ही पांचवीं मंजिल पर कोई नहीं जाता है। आज भी यहां बने 20 कमरों में ताले लटके हुए हैं।