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भोपाल । मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारी पूरी हो गई है। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब 6 साल से कम उम्र के बच्चों को कक्षा पहली में एडमिशन नहीं मिलेगा।
पहली में प्रवेश की न्यूनतम उम्र 6 साल
नई शिक्षा नीति लागू होने से भोपाल के करीब 1500 सीबीएससी स्कूलों के लगभग 9 हजार बच्चों को पहली कक्षा में एडमिशन नहीं मिल पाएगा। क्योंकि इनकी उम्र 6 वर्ष से कम हैं। नई शिक्षा नीति के तहत अब पहली कक्षा में प्रवेश की न्यूनतम उम्र 6 साल तय की गई है।
अब यूकेजी में पढ़ रहे बच्चों को दुबारा फिर से पिछली ही क्लास में पढ़ना होगा। यह बदलाब इसलिए भी किया जा रहा क्योंकि अब तक 5 साल की उम्र में स्कूल में प्राइमरी शुरू होने के कारण 17 साल की उम्र में बच्चे कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं।
जबकि कानूनी तौर बालिग होने की आयु 18 साल निर्धारित है इसलिए यह तय किया गया है कि जब कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो तो उनकी उम्र 18 साल होनी चाहिए।
पहले क्या थे शिक्षा के प्रावधान
पहले शिक्षा के अधिकार के तहत केवल 6 से 14 साल के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा महत्वपूर्ण थी। लेकिन अब यह 3 से 18 साल के बच्चों के लिए मान्य होगी।
पहले की शिक्षा की नीति में हमें स्नातक एक ही कॉलेज से करना होता था , लेकिन अब नई शिक्षा नीति के तहत हम ग्रेजुऐशन के दौरान अपना कॉलेज भी बदल भी सकते हैं।
नई शिक्षा नीति में ऑनलाईन पढ़ाई की सुविधा प्रदान होगी जबकि पहले यह सुविधा पुरानी शिक्षा नीति में शामिल नहीं थी।
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