भोपाल। Bhopal News: जीएमसी में डॉ. बाला सरस्वती के सुसाइड मामलें में आखिरकार जूनियर डाक्टर्स की 5 दिन की हड़ताल के बाद मंत्री विश्वास सारंग ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्री ने डॉ. अरुणा कुमार को गांधी मेडिकल कालेज से हटा दिया है। जानकारी के मुताबिक जूनियर डॉक्टरों के काम पर लौटने के 5 घंटे के बाद डॉ. अरुणा कुमार के लिए अटैच किया गया है।
आश्वासन पर खत्म की थी हड़ताल
बता दें कि इससे पहले शाम को जूनियर डाक्टर्स ने भोपाल में पिछले पांच दिनों से चल रही हड़ताल को मंत्री सारंग से मिले आश्वासन के बाद खत्म कर दिया था, जिसके बाद जूनियर डॉक्टर्स के काम पर लौटते ही गांधी मेडिकल कॉलेज की गायनोकोलाजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. अरुणा कुमार हटा दिया गया।
डीएमई में अटैच किया
शासन ने प्रोफेसर डॉ. अरुणा कुमार के लिए डीएमई में अटैच किया है। इसका आदेश भी जारी हो गया है। बता दें कि गांधी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती सुसाइड केस में जूनियर डॉक्टर डॉ. अरुणा कुमार को हटाने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
हर 2 साल में HOD बदले जाएंगे
डॉक्टर बाला सरस्वती सुसाइड केस के बाद मंत्री विश्वास सारंग के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। साथ ही फैसला लिया गया है कि हर 2 साल में मेडिकल कॉलेजों के HOD के लिए भी बदला जाएगा। प्रत्येक HOD का कार्यकाल 2 साल का होगा। प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों के लिए इस तरह के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
मंत्री से मुलाकात के बाद बंद हुई थी हड़ताल
बता दें कि मंत्री से मुलाकात करने के बाद ही जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी और काम पर लौट गए थे। अब इस मामले में हमीदिया अस्पताल की प्रसूति विभाग की एचओडी डॉ. अरुणा कुमार पर कार्रवाई की गई है।
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