Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पत्नी के छोड़कर जाने से परेशान पति ने अपने दो बच्चों के साथ जहर खा लिया। जिससे पिता और बेटी की मौत हो गई, जबकि बेटे का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
सुखीसेवनिया थाना क्षेत्र का मामला
दरअसल पूरा मामला सुखीसेवनिया थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, कुछ महीने पहले मृतक की पत्नी घर छोड़कर चली गई थी। पत्नी के जाने के बाद से ही पति परेशान था। शुक्रवार को उसने अपने दोनों बच्चों को जहर दे दिया और खुद भी खा लिया। बच्चों को मंदिर के प्रसाद में जहर मिला कर दिया था।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
घटना के बाद पति और साढ़े तीन साल की बच्ची की मौत हो गई, जबकि सात आठ के बेटे का अस्पताल में इलाज जारी है। पूरी घटना के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस भी जांच में जुट गई है।
ये है पूरा मामला
बालमपुर गांव में एक पिता ने प्रसाद में जहर मिलाकर साढ़े 3 साल की बेटी और 8 साल के बेटे को खिला दिया। परिवार ने तीनों को अस्पताल पहुंचाया, जहां पहले पिता ने दम तोड़ दिया फिर बेटी की भी जान चली गई। बेटे की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि, युवक की पत्नी उसे छोड़कर किसी और के साथ रहने लगी थी, जिससे वह तनाव में रहते थे। सूखी सेवनिया पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
एएसपी राजेश सिंह भदौरिया के मुताबिक, ये दर्दनाक घटना बालमपुर में 35 वर्षीय राजपाल अहिरवार के साथ हुआ। पेशे से मजदूर राजपाल यहां बेटे अरुण (8) और साढ़े तीन वर्षीय बेटी अनुष्का के साथ रहता था। पत्नी विमला 19 नवंबर को उन्हें छोड़ गई थी। सूखी सेवनिया थाने में दर्ज हुई गुमशुदगी के बाद पुलिस ने विमला को 7 दिसंबर की दोपहर तलाश लिया। बयान में विमला ने राजपाल के साथ रहने से इनकार कर दिया और फिर चली गई। इसके बाद से ही राजपाल बेहद तनाव में था।
बेटे का हमीदिया मेें इलाज चल रहा है
बुधवार शाम राजपाल दोनों बच्चों को लेकर गांव के मंदिर में पूजा करने के लिए गए। पूजा के बाद उन्होंने दोनों बच्चों को प्रसाद कहकर एक-एक लड्डू खिलाया और दो खुद खा लिए। कुछ देर बाद उन्हें उल्टियां करते देख परिवार ने पूछा तो बताया कि मैंने लड्डू में जहर मिलाया था। परिवार ने तीनों को अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान गुरुवार को राजपाल की मौत हो गई, जबकि मासूम अनुष्का ने शुक्रवार सुबह दम तोड़ दिया। अरुण का हमीदिया अस्पताल में इलाज जारी है, जो खतरे से बाहर बताया जा रहा है।