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Bhopal Nigam CREDAI Meeting: भोपाल नगर निगम और क्रेडाई प्रतिनिधिमंडल के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई और कई बड़े सुधारों पर सहमति बनी। निगम ने स्पष्ट किया कि राजधानी में पारदर्शिता, समयबद्धता और ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को नई दिशा दी जाएगी। भोपाल नगर निगम और क्रेडाई के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में भवन अनुमति, कॉलोनी अप्रूवल, अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण, संपत्ति कर सुधार और ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को बढ़ाने जैसे कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी। सभी प्रक्रियाओं को पूरी तरह ऑनलाइन करने की दिशा में निगम ने बड़ा कदम उठाया है।
निगम ने क्रेडाई के साथ मिलकर तय की रणनीति
भोपाल नगर निगम की आयुक्त संस्कृति जैन और क्रेडाई भोपाल के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के बीच शहर के रियल एस्टेट एवं शहरी विकास से जुड़े मुद्दों पर महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में भवन अनुमति प्रक्रियाओं, अवैध कॉलोनियों, संपत्ति कर, मरम्मत शुल्क और ऑनलाइन सिस्टम को मजबूत बनाने पर ठोस चर्चा हुई। कई बड़े निर्णय लिए गए, जिनसे राजधानी में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। यह बैठक 13 नवंबर को हुई सीएस मॉनिटरिंग मीटिंग के निर्देशों के अनुपालन में आयोजित की गई। बैठक में निगम के सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में प्रमुख विषयों पर हुई चर्चा
त्वरित समाधान के लिए निगम स्तर पर उठाए जाएंगे कदम: क्रेडाई ने भवन अनुमति, त्रिपक्षीय अनुबंध, संपत्ति कर, लेबर सेस, अवैध कॉलोनियों और मरम्मत शुल्क जैसे मुद्दों का विस्तृत प्रतिवेदन निगम को सौंपा। आयुक्त ने प्रत्येक बिंदु पर शीघ्र कार्यवाही के निर्देश देते हुए त्वरित समाधान का आश्वासन दिया।
शासन स्तर के मुद्दों पर संयुक्त पहल: ऐसे विषय जिनका समाधान शासन या संचालनालय स्तर पर संभव है, उन पर आयुक्त और क्रेडाई ने साथ मिलकर आगे बढ़ने की सहमति जताई। इससे नीति-निर्माण की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
भवन अनुमति और कॉलोनी अनुमोदन होंगे पूरी तरह ऑनलाइन: आयुक्त संस्कृति जैन ने बताया कि भवन अनुमति, कॉलोनी अनुमोदन, कंप्लीशन, संपत्ति कर और अन्य प्रक्रियाओं को पूरी तरह डिजिटल करने की तैयारी चल रही है। इससे पारदर्शिता और समय-सीमा दोनों सुनिश्चित होंगी। क्रेडाई ने भी तकनीकी सहयोग देने का भरोसा दिया।
अवैध कॉलोनियों पर कड़ा नियंत्रण: अवैध कॉलोनियों को रोकने के लिए क्रेडाई के सुझावों को निगम ने व्यवहारिक बताया। आयुक्त ने अवैध कॉलोनियों की पहचान और रोकथाम के लिए अभियान चलाने और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की बात कही।
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बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
- 1. त्रिपक्षीय अनुबंध के लिए तय समय-सीमा: Triparty Agreement के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक निश्चित समय-सीमा निर्धारित की जाएगी। ताकि कोई भी पक्ष इसका गलत फायदा न उठा सके।
- 2. संपत्ति कर (Property Tax): कॉलोनी के हैंडओवर के बाद संपत्ति कर सिर्फ मकान मालिक पर लगेगा, बिल्डर पर नहीं। बिल्डर की जो डुप्लीकेट टैक्स IDs बनी हुई हैं, उन्हें खत्म किया जाएगा।
- 3. मरम्मत शुल्क (Repair Charges): अधिकारियों से बात करके जल्द ही कोई ठोस फैसला लिया जाएगा कि मरम्मत शुल्क कैसे लिया जाए और किससे लिया जाए।
- 4. अवैध कॉलोनी: नगर निगम जल्द ही अवैध कॉलोनियों को चिन्हित करके तोड़ने का अभियान चलाएगा, और आगे किसी भी अवैध कॉलोनी को बनने से रोकने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
- 5. एसटीपी (STP) और Amrit 2 लाइन: जहाँ Amrit-2 योजना के तहत सीवर लाइन डाल दी गई है, वहाँ के STP को उन्हीं लाइनों से जोड़ा जाएगा। इसका खर्च डेवलपर से लिया जाएगा। और जहाँ STP पहले से Amrit-2 लाइन से जुड़ चुका है, वहाँ उसे अलग से चलाने की जरूरत समाप्त कर दी जाएगी।
- 6. भवन अनुमति सॉफ्टवेयर: निगम ने क्रेडाई को कहा है कि नक्शा पास होने से लेकर बाकी सभी परमिशन और प्रमाणपत्रों तक पूरी प्रक्रिया को कवर करने वाला एक नया सॉफ्टवेयर का प्रस्ताव बनाकर दें, ताकि ऑनलाइन काम आसानी से हो सके।
- 7. कंपाउंडिंग (Compounding): कंपाउंडिंग का फैसला UADD विभाग करेगा, लेकिन 10% कंपाउंडिंग नगर निगम अपने स्तर पर लागू कर सकता है। इस पर निगम जल्द ही ऑफिशियल फैसला लेगा।
- 8. होर्डिंग पर दंड (Penalty Software): होर्डिंग के दंड की प्रक्रिया के लिए नया सॉफ्टवेयर बन रहा है। इसमें डेवलपर को समय-समय पर रिमाइंडर भी मिलेगा, ताकि दंड लगने से पहले ही भुगतान किया जा सके। एकमुश्त भुगतान का विकल्प भी रहेगा।
- 9. अफॉर्डेबल हाउसिंग: नगर निगम का जो डाटा आवासहीन लोगों से जुड़ा है, उसे प्राइवेट डेवलपर्स के साथ साझा किया जाएगा ताकि जरूरतमंदों को सही कीमत पर मकान मिल सकें।
- 10. प्रोजेक्ट साइट पर अनुमोदित नक्शा लगाना: आयुक्त ने सभी डेवलपर्स को निर्देश दिया है कि
अपने प्रोजेक्ट की साइट पर नक्शा स्वीकृति की होर्डिंग जरूर लगाएँ, ताकि जनता को पता चले कि प्रोजेक्ट वैध है। - 11. पानी का बल्क कनेक्शन: नगर निगम भोपाल, डेवलपर्स/सोसाइटी को बल्क पानी कनेक्शन देने की प्रक्रिया को आसान और व्यवस्थित करने पर काम कर रहा है।


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