Bhopal MD Drugs Case: भोपाल में 1814 करोड़ की MD ड्रग्स केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। फैक्टरी मालिक जयदीप सिंह गिरफ्तार को भोपाल में जेके रोड आवास से अरेस्ट कर लिया गया है। पुलिस ने 21 दिन से फैक्टरी मालिक का फोन सर्विलांस पर डालकर रखा था। आज लोकेशन मिलते ही उसे अरेस्ट कर लिया गया। पिछले दिनों NCB ने ड्रग्स फैक्टरी पर कार्रवाई की थी।
मंदसौर में आरोपी ने खुद को गोली मारी
12 अक्टूबर को ड्रग्स के केस में आरोपी प्रेमसुख पाटीदार ने थाने में खुद को गोली मारी थी। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। पुलिस ने कहा था कि आरोपी ने पूछताछ से बचने के लिए खुद को घायल किया है। प्रेमसुख NCB और दूसरी एजेंसियों के केस में भी वांटेड था।
किसने बताया था प्रेमसुख का नाम
भोपाल की फैक्टरी में ड्रग्स के मामले में पुलिस ने मंदसौर के माल्या खेरखेड़ा के हरीश आंजना को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में हरीश आंजना ने हथुनिया के प्रेमसुख पाटीदार का नाम बताया। उसने कहा कि उसने प्रेमसुख से भी एमडी ड्रग की खरीद-फरोख्त की थी। इसके बाद पुलिस की टीम प्रेमसुख की तलाश में छापेमारी कर रही थी।
ड्रग्स तस्कर गैंग में ये शामिल
शोएब लाला – ड्रग्स का सप्लाई नेटवर्क यही ऑपरेट करता था।
सान्याल बाने – पूरी फंडिंग कराई और गुर्गे के जरिए अमित से जुड़ा था।
हरीश आंजना – पार्टियों से संपर्क था।
अमित चतुर्वेदी – फैक्टरी का इंतजाम किया।
प्रेमसुख पाटीदार – ड्रग्स बनाने का सामान भोपाल पहुंचाया।
एसके सिंह – ड्रग्स की पूरी जानकारी थी। फैक्टरी किराए पर दी।
राजस्थान, गुजरात तक कनेक्शन
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि राजस्थान के एक सीमावर्ती गांव का लाला भी इस अवैध ड्रग्स गैंग से जुड़ा हुआ है। हरीश आंजना ने पुलिस को बताया है कि लाला भोपाल की फैक्टरी से एमडी ड्रग्स लेकर आता था और हरीश और प्रेम पाटीदार उसे बेचते थे। डीआईजी मनोज कुमार सिंह ने बताया था कि पूछताछ में ये भी पता चला है कि हरीश आंजना गुजरात के वापी से केमिकल लेकर आता था, जिससे एमडी ड्रग्स बनाई जाती थी। पुलिस के मुताबिक हरीश आंजना पहले भी तस्करी के मामले में पकड़ा जा चुका है।
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