हाइलाइसट्स
- भोपाल में मटकी फोड़ प्रतियोगिता का भव्य आयोजन।
- गोविंदा आला रे… भक्ति गीतों से गूंजा करोंद चौराहा।
- मटकी फोड़ प्रतियोगिता में शामिल हुए सीएम मोहन यादव।
Bhopal Matki Phod Pratiyogita 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम के बीच भोपाल का करोंद चौराहा रंग-बिरंगे उल्लास और श्रद्धा से सराबोर हो उठा। प्रदेश की सबसे बड़ी मटकी फोड़ प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, फिल्म और संगीत जगत की हस्तियाँ, और हजारों उत्साही दर्शकों ने जन्माष्टमी को यादगार बना दिया।
करोंद में मटकी फोड़ का भव्य आयोजन
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भोपाल का करोंद चौराहा पर भक्तिभाव से प्रदेश की सबसे बड़ी मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं शिरकत कर उत्सव की शोभा बढ़ा दी।
छोटी-छोटी गैया, छोटे-छोटे ग्वाल…
इस भव्य आयोजन में जब मुख्यमंत्री मंच पर पहुंचे तो माहौल में ऊर्जा की लहर दौड़ गई। उन्होंने “गोविंदा आला रे” और “छोटी-छोटी गैया, छोटे-छोटे ग्वाल” जैसे गीतों को गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह प्रतियोगिता इस वर्ष अपने 19वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और हर साल की तरह इस बार भी यह आयोजन जनसैलाब और भक्तिभाव से परिपूर्ण रहा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियां
बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी और इंडियन आइडल फेम सवाई भट्ट की मौजूदगी ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। दोनों की उपस्थिति ने ना केवल उत्सव में चार चाँद लगाए, बल्कि भारी संख्या में युवाओं को भी आकर्षित किया। कृष्णरागी (गायक) सवाई भट्ट ने अपनी भजन गायकी से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम में देशभक्ति गीतों पर प्रस्तुति भी दी गई। कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें देखकर दर्शक झूम उठे। आयोजन स्थल को आकर्षक रोशनी और रंग-बिरंगी सजावट से सजाया गया था।
तीज त्यौहारों से ही समृद्ध है हमारी संस्कृति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंच से कहा, “भारतीय संस्कृति दुनिया में अद्वितीय है। हमारे तीज-त्योहार ही हमारी संस्कृति की आत्मा हैं। यही पर्व हमारे समाज को जोड़ते हैं, हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं और हर दिन इसे और अधिक समृद्ध करते हैं।”
श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति की आत्मा हैं…
भोपाल के करोंद में आयोजित भव्य मटकी फोड़ प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण सिर्फ एक देवीय व्यक्तित्व नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवंत आत्मा हैं। उनका बाल रूप हमारी सांस्कृतिक विरासत का सबसे सुंदर और प्रेरणादायक चित्रण है।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धा भाव से कहा— “श्रीकृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन और उनकी बाल लीलाएं आज भी मानवता को न केवल आनंद देती हैं, बल्कि जीवन को दिशा भी देती हैं। मटकी फोड़ प्रतियोगिता उन लीलाओं की एक सुंदर झलक है, जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है।”
उन्होंने यशोदा माता के वात्सल्य की सराहना करते हुए कहा कि – “यशोदा मैया इस संसार की सबसे पुण्यात्मा मां थीं, जिन्होंने ईश्वर को पुत्र रूप में पाला-पोसा। ये मटकी फोड़ आयोजन उस अनुपम ममता और श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का उत्सव है।” मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागी टीमों को शुभकामनाएं भी दीं और युवाओं के उत्साह को सराहा।
भारतीय संस्कृति के संरक्षण में एमपी सरकार आगे
खजुराहो से सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने मंच से कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपराएं हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं, और इनको संजोने में मध्यप्रदेश सरकार देश में अग्रणी भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे पर्व और उत्सव ही हमारी सांस्कृतिक विरासत को पीढ़ी दर पीढ़ी जीवित रखते हैं।
हाथी घोड़ा पालकी-जय कन्हैया लाल की
मटकी फोड़ प्रतियोगिता कार्यक्रम में करोंद चौराहा ‘हाथी घोड़ा पालकी – जय कन्हैया लाल की’ और ‘गोविंदा आला रे’ के जयकारों और उमंग-उल्लास से गूंज उठा। क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग सभी ने पूरे भक्ति भाव और धर्ममय होकर मटकी फोड़ कार्यक्रम में सहभागिता की।
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जयकारों से गूंजा करोंद चौराहा
कार्यक्रम के दौरान पूरा करोंद चौराहा ‘हाथी घोड़ा पालकी – जय कन्हैया लाल की’ और ‘गोविंदा आला रे’ जैसे जयकारों से गूंज उठा। बच्चे हों या बुजुर्ग, हर किसी ने पूरे भक्ति भाव से इस आयोजन में भागीदारी की।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे ये प्रमुख जनप्रतिनिधि
कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग, विधायक विष्णु खत्री, विधायक भगवान दास सबनानी, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र यति अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधिगण सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे