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Bhopal: दुर्लभ बीमारी से लड़ रही है मध्य प्रदेश की लाडली, परिजन कर रहे हैं आपसे मदद की है गुहार

Bhopal: दुर्लभ बीमारी से लड़ रही है मध्य प्रदेश की लाडली, परिजन कर रहे हैं आपसे मदद की है गुहारBhopal: Madhya Pradesh ladali is fighting a rare disease, has requested your help nkp

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Bansal Digital Desk
Bhopal: दुर्लभ बीमारी से लड़ रही है मध्य प्रदेश की लाडली, परिजन कर रहे हैं आपसे मदद की है गुहार

भोपाल। मध्य प्रदेश की इस लाडली को अब सरकार के साथ आपकी जरूरत है। दरअसल, जबलपुर की रहनेवाली छह साल की आर्या पाठक अपनी जिंदगी से जंग लड़ रही है। आर्या दुर्लभ बीमारियों में से एक स्पाइनल मस्क्युलर अट्राफी टाइप-1 (Spinal Muscular Atrophy Type 1) से पीड़ित है। जिसका इलाज अमेरिका से आने वाले जोल्गेन्स्मा इंजेक्शन (Jolgensma Injection) से ही हो सकता है। लेकिन इसकी कीमत 16 करोड़ रूपये है। साथ ही इसपर 6 करोड़ रूपये का टैक्स अलग से लगता है। ऐसे में आर्या को इलाज के लिए मदद चाहिए।

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परिवार मदद की गुहार लगा रहा है

आर्या का पूरा परिवार सोशल मीडिया से लेकर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहा है। अभी तक परिवार के सदस्यों को 40 लाख की मदद भी मिल चुकी है। लेकिन यह मदद भी बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए नाकाफी है। जानकारी के मुताबिक, आर्या जब एक साल की थी, तब वो आम बच्चों की तरह खड़ी होने की कोशिश करती थी, लेकिन इस कोशिश में मुंह के बल गिर जाती थी। आर्या के पिता राहुल आबुधाबी में आईटी कंपनी में काम करते हैं। लेकिन वो इतना नहीं कमा पाते कि अपनी बेटी का इलाज करा सकें।

इस लिंक पर जाकर कर सकते हैं मदद- www.impactguru.com

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पिता सोशल मीडिया के जरिए मदद मांग रहे हैं

ऐसे में आर्या की जिंदगी बचाने के लिए पूरा परिवार संघर्ष कर रहा है। आर्या के चाचा कोलार निवासी ऋषि पाठक ने बताया कि पिता सोशल मीडिया के जरिए क्राउड फंडिंग की कोशिश कर रहे हैं तो मां आस्था पाठक और चाचा भोपाल में सीएम, कलेक्टर से मदद मांग रहे हैं। उन्होंने आर्या की मेडिकल रिपोर्ट्स सभी को दी है। उन्होंने बताया कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज, दिल्ली के गंगाराम में जांच के बाद आर्या में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक बीमारी मिली थी। कुछ साल तक उसका इलाज चला, लेकिन अब जान बचाने के लिए जोल्गेन्स्मा इंजेक्शन की जरूरत है।

10 लाख लोगों में से किसी एक को होती है बीमारी

दरअसल, यह दुर्लभ बीमारी 10 लाख लोगों में से किसी एक को होती है। इसका इलाज जीन थैरेपी से होता है। इस थैरेपी को अब तक का सबसे महंगा वन-टाइम ट्रीटमेंट माना जाता है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की उम्र बहुत ज्यादा नहीं होती है। कई बच्चे तो 10 से 15 साल तक की उम्र में दुनिया छोड़ देते हैं। अमेरिका में हर साल ऐसे 60 बच्चे पैदा होते हैं। हालांकि, अगर आपकी मदद से आर्या पाठक के लिए 16 करोड़ रुपये और टैक्स के लिए 6 करोड़ रुपये जुटाए जाते हैं, तो इस नन्ही परी की जान बचाई जा सकती है।

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