Bhopal IT Raid: आयकर विभाग की टीम को भोपाल के मंडोरी जंगल में एक कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकदी मिली। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात एक फार्म हाउस के अंदर खड़ी कार से आईटी टीम ने बरामद किया। यह कार आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के दोस्त की बताई जा रही है।
लोकायुक्त की छापेमारी में सौरभा शर्मा के ठिकाने से चांदी की 200 सिल्लियां मिली है। ये सिल्लियां उसने ऑफिस में जमीन के अंदर गाड़ रखी थी। लोकायुक्त टीम ने कार्पेट हटाकर टाइल्स को चेक किया।
200 चांदी की सिल्लियां बरामद
टाइल्स बजाने पर अंदर से खोखले था। इन्हें हटाने पर प्लास्टिक के पांच बोरे मिले, जिनमें चांदी की 200 सिल्लियां थी। जिनका वजन दो क्विंटल है। ऑफिस से 500 से ज्यादा डॉक्यूमेंट्स मिले हैं।
गुरुवार सुबह मारा था छापा
लोकायुक्त की टीम ने सौरभ शर्मा के भोपाल के ई-7 अरेरा कॉलोनी स्थित घर और दफ्तर पर गुरुवार को रेड मारी थी। इस दौरान पुलिस को पैसे गिनने की सात मशीन, 2.95 करोड़ नकद, दो क्विंटल चांदी की सिल्ली, दस किलो चांदी के गहने और पचाल लाख रुपये का गोल्ड मिला था।
कई शहरों में खड़ा किया अपना सम्राज्य
कार्रवाई में दो कार, एक स्कूल, एक निर्माणाधीन बंगला और दो करोड़ रुपये का लग्जरी सामान मिला है। पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ऑफिस से भोपाल, इंदौर और ग्वालियर सहित कई शहरों में प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं।
अब तक तीन बैंक खाते की जानकारी लोकायुकत को मिली है। इनमें कितना पैसा है, इसकी जानकारी पता लगाई जा रही है। सौरभ शर्मा फिलहाल दुबई में है। सौरभ आरटीओ में आरक्षक रह हैं। पिछले साल वीआरएस लिया था। इसके बाद रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े हैं।
सौरभ शर्मा के पास इतनी प्रॉपर्टी कैसे?
आरटीओ में जो नाकों पर वसूली होती थी। उसके कलेक्शन का जिम्मा सौरभ शर्मा के पास था। डीएसपी वीरेंद्र सिंह के अनुसार, पूर्व आरक्षक के घर से मिले सामान की इन्वेंट्री दो करोड़ और ऑफिस की 4.10 करोड़ रुपये है। उसके घर से कई फाइलें मिली हैं।
सौरभ के दोस्त की कार में मिला गोल्ड
सौरभ शर्मा ने चार साल पहले ग्वालियर से अपने दोस्त चेतन सिंह गौर को भोपाल बुला लिया था। उसके नाम से प्रॉपर्टी खरीदी। मंडोरी जंगल में जिस इनोवा कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये मिले है। वह कार चेतन गौर चलाता था। इस गाड़ी के साथ उसकी एक फोटो सामने आई है।
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सौरभ शर्मा के पिता परिवहन विभाग में पदस्थ थे। सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। नौकरी के दौरान उनकी कई शिकायत सामने आई। इसके बाद उन्होंने वीआरएस ले लिया और प्रॉपर्टी में निवेश करने लगे। पूरी खबर पढ़ें…
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