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Bhopal Karni Sena Protest: मांगों को लेकर करणी सेना का हल्ला बोल, CM हाउस जाने से रोका, भोपाल को नेपाल बनाने की चेतावनी

भोपाल में करणी सेना ने 15 मांगों को लेकर क्षत्रिय क्रांति सम्मेलन आयोजित किया है, अधिकारियों के निर्धारित समय पर न पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने सीएम हाउस की ओर कूच किया। करणी सेना प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र होगा।

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Vikram Jain
Bhopal Karni Sena Protest: मांगों को लेकर करणी सेना का हल्ला बोल, CM हाउस जाने से रोका, भोपाल को नेपाल बनाने की चेतावनी

हाइलाइट्स

  • मांगों को लेकर करणी सेना ने किया CM हाउस की ओर कूच।
  • पुलिस बल तैनात, प्रदर्शनकारियों को रास्ते में ही रोका।
  • चेतावनी- मांगें नहीं मानी तो भोपाल को ‘नेपाल’ बना देंगे।
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Bhopal Karni Sena Protest CM House March: भोपाल में शनिवार को क्षत्रिय करणी सेना के क्षत्रिय क्रांति सम्मेलन को लेकर पूरे शहर में तनाव का माहौल देखने को मिला। अपनी 15 मांगों को लेकर एकत्रित हजारों कार्यकर्ताओं ने दोपहर तक प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार किया, लेकिन अधिकारियों के न आने पर भीड़ अचानक सीएम हाउस की ओर बढ़ी। इस दौरान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करते हुए मार्च को बीच रास्ते में ही रोक दिया। करणी सेना प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र होगा। भोपाल को नेपाल बना देंगे। विवाद को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है, साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
ताजा अपडेट के अनुसार भोपाल में करणी सेना का आंदोलन फिलहाल शांत हो गया है। संगठन की ओर से भेजा गया 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री निवास से कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गया है। हालांकि मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के चलते मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा की। अधिकारियों ने करणी सेना की सभी प्रमुख मांगों के समाधान के लिए 25 नवंबर तक ठोस कार्रवाई का भरोसा दिया। प्रतिनिधिमंडल के लौटते ही यह आश्वासन कार्यक्रम स्थल पर घोषित किया गया, जिसके बाद आंदोलनकारी शांतिपूर्वक वापस लौट गए।

15 मांगों को लेकर भोपाल में विशाल सम्मेलन

दरअसल, करणी सेना ने हरदा प्रकरण समेत 15 मांगों को लेकर भोपाल के खुशीलाल ग्राउंड में विशाल क्षत्रिय क्रांति सम्मेलन का आयोजन किया था। इसमें प्रदेशभर से आए हजारों क्षत्रिय समाज के लोग शामिल हुए। संगठन ने अपनी 15 प्रमुख मांगों को लेकर सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की थी।

अधिकारी न पहुंचे तो भड़की करणी सेना

करणी सेना पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा था कि दोपहर 2 बजे तक सीएम ऑफिस का कोई अधिकारी सम्मेलन में पहुंचे और उनकी बात सुने, लेकिन निर्धारित समय से एक घंटे बाद यानी 3 बजे तक कोई अधिकारी नहीं आने पर कार्यकर्ताओं ने सीएम हाउस की ओर कूच करने का निर्णय ले लिया।

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करणी सेना की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं...

  • हरदा प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच: क्षत्रिय समाज पर हुए कथित अन्याय की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। इस मामले में दोषी माने जा रहे पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
  • EWS आरक्षण में बढ़ोतरी: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलने वाला 10% आरक्षण बढ़ाकर 20% किया जाए और इसके प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाया जाए।
  • गौ माता संरक्षण को मजबूत करना: गौ माता को ‘राष्ट्र माता’ का दर्जा दिया जाए और अवैध तस्करी, अत्याचार और हत्या पर कठोर दंडात्मक कानून बनाए जाएं।
  • अग्निवीर योजना में सुधार: सेना में स्थायी भर्ती व्यवस्था फिर से लागू की जाए और अग्निवीरों को स्थायी सेवा, पेंशन और दीर्घकालीन सुरक्षा प्रदान की जाए।
  • राजनीतिक प्रतिनिधित्व में हिस्सेदारी: जनसंख्या के अनुपात में विधानसभा, लोकसभा और संगठनात्मक पदों पर क्षत्रिय समाज को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए।
  • किसान हितों की सुरक्षा: सभी फसलों पर MSP को कानूनी गारंटी दी जाए और प्राकृतिक आपदाओं में किसानों को पूर्ण मुआवजा प्रदान किया जाए।
  • संस्कृति और इतिहास का संरक्षण: क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में होने वाली छेड़छाड़ तथा अपमानजनक टिप्पणियों पर तत्काल रोक लगाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग।
  • शिक्षा सुविधाएँ: हर जिले में राजपूत छात्रावास के लिए सरकार द्वारा भूमि आवंटित की जाए और शिक्षा में समाज को मजबूती से अवसर मिलें।
  • एट्रोसिटी एक्ट में दुरुपयोग रोकना: एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए गिरफ्तारी केवल प्राथमिक जांच के बाद ही की जाए, ताकि निर्दोष लोगों का शोषण न हो।
  • धार्मिक संपत्ति का संरक्षण: मठ-मंदिरों की भूमि उनके नाम दर्ज की जाए और धार्मिक संपत्तियों पर अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

सीएम हाउस की ओर कूच, पुलिस ने किया रोक

करणी सेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर सीएम हाउस की ओर बढ़ने लगे। संभावित तनाव को देखते हुए पुलिस पहले से ही भारी सुरक्षा के साथ तैनात थी। जैसे ही भीड़ मैदान से आगे बढ़ी, पुलिस ने उन्हें कुछ दूरी पर ही रोक दिया। रोकने के बाद कार्यकर्ता सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। उनका स्पष्ट कहना था कि वे ज्ञापन पुलिस को नहीं, बल्कि सीएम ऑफिस के किसी अधिकारी को ही सौंपेंगे।

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करणी सेना अध्यक्ष की कड़ी चेतावनी

करणी सेना प्रदेश अध्यक्ष इंदल सिंह राणा ने कहा कि हमने दोपहर तक अधिकारी भेजने का अल्टीमेटम दिया था। अब हम सीएम हाउस जाकर ही ज्ञापन सौंपेंगे। यह आंदोलन का अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है। उन्होंने कहा— “हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो भोपाल को नेपाल बनाने में देर नहीं लगेगी।” उनकी मुख्य मांग हरदा प्रकरण में कलेक्टर और एसपी को निलंबित करने की है।

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क्षत्रिय समाज की रणनीति तेज

प्रदेश में क्षत्रिय समाज अपनी लंबित मांगों को लेकर अब खुलकर आंदोलन की रणनीति अपना रहा है। सम्मेलन में राज्यभर से हजारों प्रतिनिधियों ने पहुंचकर एकजुटता दिखाई।

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