दिल्ली। 1984 Bhopal Gas Tragedy Breaking दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी भोपाल गैस त्रासदी झेल रहे पीड़ितों को बड़ा झटका लगा है। एससी में गैस कांड पीड़ितों को 7400 करोड़ का मुआवजा की मांग को खारिज कर दिया गया है।
पांच जजों की बैंच सुनाएगी फैसला — 1984 Bhopal Gas Tragedy Breaking
आपको बता दें आज आने वाले इस बड़े फैसले में पांच जजों की बैंच फैसला सुनाने वाली है। देखने वाली बात ये है कि इसमें आ क्या फैसला आएगा। 12 जनवरी को संविधान पीठ ने अपने फैसले को सुरक्षित रखा था। जिसके बाद आज इस पर फैसला आना है। जिसमें गैस कांड पीड़ितों को 7400 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई है। केंद्र की मांग है कि ‘यूनियन कार्बाइड दे पीड़ितों को को बढ़ा हुआ मुआवजा’। लेकिन यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन मुआवजा बढ़ाकर देने से इनकार कर रही है।
संक्षेप में जानें मामला — 1984 Bhopal Gas Tragedy Breaking
आपको बता दें कि 2 और 3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली मिथाइल आइसोनेट गैस रिसने से 3000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इतना ही नहीं इस हादसे में लाखों लोग प्रभावित हुए थे। इसका असर आज भी दिखाई देता है। जहरीली गैस के रिसाव के कारण बड़ी संख्या में लोग बीमारियों का शिकार हो गए थे, जो बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त मुआवजे की लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला — 1984 Bhopal Gas Tragedy Breaking
भोपाल गैस पीड़ितों की मुआवजे की मांग का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। आपको बता दें दरअसल यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन ने गैस पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर का मुआवजा दिया था। साल 2010 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दाखिल की थी। जिस पर बीते दिनों सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी कर पूछा था कि क्या सरकार यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन की उत्तराधिकारी कंपनियों से मुआवजे की अतिरिक्त धनराशि की मांग करने वाली अपनी उपचारात्मक याचिका पर आगे बढ़ना चाहती है?