हाइलाइट्स
- भोपाल विकास प्राधिकरण का क्लर्क रिश्वत लेते गिरफ्तार।
- भोपाल लोकायुक्त ने 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।
- नामांतरण कराने के एवज में क्लर्क ने मांगी थी रिश्वत।
Bhopal Development Authority Bribery Case: मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। लोकायुक्त की धरपकड़ के बाद भी हर दिन रिश्वत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कार्रवाई के बाद भी सरकारी कार्यालयों में रिश्वत का खेल जारी है।
ताजा मामला भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) से सामने आया है। जहां भोपाल लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए बीडीए के बाबू शहाबुद्दीन सिद्दीकी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बाबू ने नामांतरण कराने के एवज में रिश्वत की डिमांड की थी और पैसा नहीं मिलने पर चार महीने से काम अटका रखा था। मामले में आरोपी बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
बीडीए में रिश्वतखोरी का खुलासा
जानकारी के मुताबिक भोपाल लोकायुक्त पुलिस को शिकायत मिली थी कि भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) के बाबू ने नामांतरण कराने के एवज में रिश्वत की डिमांड की है। बैरसिया रोड निवासी घनश्याम राठौर ने आवेदन देकर शिकायत में बताया कि बीडीए का बाबू शहाब उद्दीन सिद्दीकी ने मकान के नामांतरण कराने के एवज में फीस के साथ ही दस हजार रुपए की रिश्वत की मांग की है।
चार महीने से लटका रखा था नामांतरण
फरियादी घनश्याम राठौर ने बताया कि उन्होंने BDA में अपने मकान के नामांतरण के लिए आवेदन दिया था। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी काम नहीं हुआ। जब उन्होंने कारण पूछा तो बाबू ने स्पष्ट तौर पर रिश्वत की मांग की। बाबू बिना रिश्वत के नामांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं कर रहा था। तंग आकर घनश्याम ने भोपाल लोकायुक्त कार्यालय में इसकी लिखित शिकायत दी।
बाबू को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार
मामले में शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद लोकायुक्त की टीम, जिसमें डीएसपी आर.के. सिंह और अन्य अधिकारी शामिल थे, इस टीम ने शुक्रवार को जाल बिछाया और ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। लोकायुक्त टीम ने बाबू को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। मामले में आरोपी बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
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सरकारी पद का गलत इस्तेमाल
जानकारी के मुताबिक, आरोपी बाबू हर महीने करीब दो लाख रुपए का वेतन प्राप्त करता है, इसके बावजूद उसने अपना पद का दुरुपयोग कर आम नागरिक से अवैध पैसे की मांग की। यह दर्शाता है कि सरकारी महकमे में बैठे कुछ लोग जनता को उनका हक देने के लिए भी पैसे की डिमांड करते हैं।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
फिलहाल, लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी शहाबुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है कि मामले की जांच में और भी अधिकारी शामिल हो सकते हैं। बीडीए में पहले भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं। वहीं अब लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद बीडीए ऑफिस में हड़कंप मचा हुआ है।
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