Advertisment

MP NEWS: भोपाल रेप-ब्लैकमेलिंग केस में NHRC सख्त, सरकार को भेजी रिपोर्ट, लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश

भोपाल के कॉलेज छात्रों से रेप, धर्मांतरण और ब्लैकमेलिंग केस में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने सरकार और पुलिस विभाग को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही को देखते हुए विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है।

author-image
Vikram Jain
MP NEWS: भोपाल रेप-ब्लैकमेलिंग केस में NHRC सख्त, सरकार को भेजी रिपोर्ट, लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश

Bhopal Rape Blackmailing Case 2025: राजधानी भोपाल के निजी कॉलेज में हिंदू छात्राओं के साथ रेप, नशा, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्मांतरण के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने सरकार को रिपोर्ट भेजी है। जिसमें मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में अपराध को सुनियोजित बताया गया है। आयोग ने पीड़िताओं को 5 लाख मुआवजा और शिक्षा जारी रखने की सिफारिश की है। बता दें कि हिंदू छात्राओं से रेप-ब्लैकमेलिंग केस में पुलिस ने अब तक मुख्य आरोपी फरहान समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं एक आरोपी अबरार अब भी फरार है।

Advertisment

रिपोर्ट ने खोली लापरवाही की पोल

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भोपाल में कॉलेज छात्राओं के साथ हुए अपराध को बेहद संगीन और यौन तस्करी जैसा अपराध करार दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अपराध एक सुनियोजित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। जिसमें आरोपियों के दूसरे राज्यों में भी संपर्क हो सकते हैं। NHRC की रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है।

NHRC ने मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि भोपाल गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग के इस पूरे मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच कराई जाए। साथ ही, जांच के दौरान यदि किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।

पीड़ित छात्राओं को 5-5 लाख देने की सिफारिश

आयोग ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से फिलहाल पीड़ित छात्राओं को मुख्यमंत्री राहत कोष से जो 50 हजार रुपए की राशि दी जा रही है, वह पर्याप्त नहीं है। आयोग ने सिफारिश की है कि हर पीड़िता को 5-5 लाख रुपए की अंतरिम राहत दी जाए और एक नाबालिग पीड़िता को 6 लाख रुपए की विशेष सहायता प्रदान की जाए। पीड़ित छात्राओं को वापस शिक्षा दिलाने और छात्रवृत्ति देकर पढ़ाई पूरी कराई जाने के निर्देश दिए हैं। निरंतर सुरक्षा और परामर्श की सुविधा देने की सिफारिश की गई है। NHRC ने कॉलेज में एंटी रैगिंग सेल और UGC के नियमों के सख्त पालन के भी निर्देश दिए हैं।

Advertisment

publive-image

हिंदू छात्राओं को बनाया गया निशाना

NHRC को मिली शिकायत के अनुसार भोपाल के एक बड़े निजी कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं से पहले कुछ लड़कों ने दोस्ती की फिर उन्हें जाल में फंसाकर रेप किया गया। साथ ही इन लड़कियों के अश्लील वीडियो- फोटो लिए गए। इन गंदे वीडियो से आरोपियों ने पीड़िताओं को ब्लैकमेल किया और फिर हिंदू धर्म छोड़ने और शादी करने का दबाव बनाया गया। पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि आरोपियों ने नाम बदलकर अपनी असली पहचान छिपाकर दोस्ती की थी।

जांच में गंभीर लापरवाहियां आईं सामने

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) की विशेष जांच टीम ने 13 से 17 मई के बीच भोपाल पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की स्थल निरीक्षण के साथ गहराई से जांच की। टीम ने इस दौरान पुलिस कमिश्नर कार्यालय, संबंधित थानों, टीआईटी कॉलेज, क्लब-90 परिसर और पीड़ित छात्राओं के घरों का दौरा किया।

जांच के दौरान DSP मोनिया उप्पल, इंस्पेक्टर संतोष कुमार और NHRC के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में विभिन्न स्थानों से साक्ष्य एकत्र किए गए। इस मौके पर टीम को कई स्तरों पर प्रशासनिक चूक और लापरवाही के गंभीर संकेत मिले, जिन्हें रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया है।

Advertisment

NHRC ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में पुलिस और कॉलेज प्रशासन की गंभीर लापरवाही और अनदेखी को लेकर कई चिंताजनक बिंदु सामने रखे हैं, जैसे..

  • पुलिस द्वारा की गई जांच अधूरी, सतही और कमजोर पाई गई।
  • महत्वपूर्ण साक्ष्यों को नजरअंदाज किया गया, जिससे मामले की गंभीरता दबने की आशंका है।
  • पीड़िता नंबर-1 द्वारा की गई डायल 100 कॉल को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया, जो सुरक्षा में बड़ी चूक है।
    कॉलेज परिसर में एंटी-रैगिंग सेल, परामर्श केंद्र जैसी आवश्यक व्यवस्थाओं का अभाव पाया गया।
  • जिस क्लब-90 परिसर का उपयोग अपराध में किया गया, उसे बिना किसी वैधानिक सूचना या दस्तावेजी प्रक्रिया के ध्वस्त कर दिया गया।

NHRC ने इन बिंदुओं को बेहद गंभीर माना है और इन पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जवाबदेही तय करने की सिफारिश की है।

Advertisment

सुनियोजित और संगठित अपराध

मामले में आयोग ने बेहद गंभीर टिप्पणी की है। आयोग का कहना है कि इस मामले में जो तथ्य सामने आए हैं, वे इसे सिर्फ 'लव जिहाद' तक सीमित नहीं रखते, बल्कि यह एक सुनियोजित और संगठित आपराधिक श्रृंखला है, जिसमें कई गंभीर अपराध—जैसे यौन शोषण, मानसिक प्रताड़ना, धर्मांतरण और मानव तस्करी—एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

देशभर में फैल रहा है खतरनाक पैटर्न

NHRC ने अपनी रिपोर्ट में आगाह किया है कि यह कोई अकेली घटना नहीं, बल्कि ऐसा खतरनाक पैटर्न बनता जा रहा है, जहां युवा लड़कियों को पहले प्रेमजाल में फंसाया जाता है, फिर उनका यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग, धर्मांतरण और अंत में मानव तस्करी जैसे गहरे अपराधों की ओर धकेल दिया जाता है। आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस तरह के मामलों के पीछे देशव्यापी नेटवर्क की आशंका है, जो सुनियोजित तरीके से मासूम युवतियों को निशाना बना रहा है।

25 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने के आदेश

आयोग ने इस मामले को लेकर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को आदेश दिया है कि वे इस पूरी घटना की विस्तृत, निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट तैयार कर 25 जुलाई 2025 तक NHRC को प्रस्तुत करें।

आयोग ने यह भी सुझाव दिया है कि यदि कोई गैर-सरकारी संगठन (NGO) या सामाजिक संस्था पीड़ित छात्राओं के लिए काउंसलिंग, पुनर्वास, शिक्षा या मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग करना चाहती है, तो राज्य सरकार उन्हें हरसंभव समर्थन और संसाधन मुहैया कराए।

ऐसी ही ताजा खबरों के लिए बंसल न्यूज से जुड़े रहें और हमें XFacebookWhatsAppInstagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
Bhopal Rape Case National Human Rights Commission MP RAPE CASE Bhopal rape blackmailing case Bhopal College girl students rape case NHRC investigation report Bhopal rape-blackmailing case NHRC investigation report Hindu girl blackmailing TIT College scandal Conversion and rape NHRC action Bhopal rape case
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें