Bhopal Collector Patwari Suspended: भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने तीन पटवारियों को सस्पेंड कर दिया है। एडीएम सिद्धार्थ जैन को इस मामले की जांच करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। इन पटवारियों ने अपनी निजी दुकानें खोल रखी थीं और घूस लेते हुए कैमरे में पकड़े गए थे। जिन पटवारियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें किशोर दांगी, पवन शुक्ला और निधि नेमा शामिल हैं। एडीएम जैन को जांच के बाद प्रतिवेदन देने के लिए कहा गया है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इन तीन पटवारियों पर हुई कार्रवाई
- किशोर दांगी, पटवारी बीनापुर, जिन्होंने करौंद के पीपल चौराहा के पास अपना निजी ऑफिस खोल रखा है।
- पवन शुक्ला, पटवारी पुरा छिंदवाड़ा, जिनका ऑफिस गोल मार्केट संजीव नगर में स्थित है।
- निधि नेमा, पटवारी नीलबड़ भौंरी, जिनका ऑफिस चौबदारपुरा तलैया में है।
तहसील की जगह निजी दफ्तर से कर रहे थे काम
तहसील में काम नहीं करते, बल्कि निजी ऑफिस खोल रखे हैं। जमीन, फ्लैट, मकान और अन्य प्रॉपर्टी के सीमांकन, नामांतरण और बंटवारे जैसे कार्यों में क्या कोई भी आम व्यक्ति बिना पैसे दिए अपना काम करवा सकता है? मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्यों कहा कि पटवारी कलेक्टर का भी बाप होता है? इसकी जांच में यह सामने आया कि कोई भी काम बिना पैसे के नहीं होता। हैरानी की बात यह है कि पटवारियों ने निजी दफ्तर तक खोल रखे हैं और वे तहसील में काम नहीं करते। वे अपने दफ्तरों में ही सुबह से शाम तक लोगों के कार्य निपटाते हैं, और रिश्वत मिलने के बाद ही फाइल आगे बढ़ाई जाती है।