भोपाल : ये सच है कि राजधानी भोपाल वासियों की सुबह की शुरूआत नाश्ते से होती है। और नाश्ते में पोहा-जलेबी, समोसा होना जरूरी है। क्योंकि मध्यप्रदेश में पोहा और समोसा सबसे पसंदीदा नास्ता है। भोपाल समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी सुबह सुबह नास्ते की दुकानों पर लंबी लंबी कतारे देखी जा सकती है। लेकिन अब पोहा-जलेबी और समोसे को लेकर सरकार द्वारा एक नया फरमान जारी हुआ है। हाल ही में भोपाल कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया है।
पेपर में नहीं मिलेंगे पोहा-जलेबी
आपने देखा होगा की सुबह नास्ता यानी पोहा-जलेबी, समोसा, कचोरी, आलूबड़ा अखबारों में दिया जाता है। लेकिन अब ये नास्ता आपको पेपर में नहीं मिलेगा। आम जनता की सेहत को लेकर ये फैसला भोपाल कलेक्टर द्वारा लिया गया है। जिसकी शुरूआत आज से ही हो चुकी है। होटल संचालक अब अपने ग्राहकों को नास्ता पेपर में नहीं दे पाएंगे।
कलेक्टर ने जारी किया आदेश
भोपाल कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा है कि किसी भी दुकान पर नास्ता पेपर में नहीं मिलेगा। दुकानों पर पम्प्लेट लगाये जायेंगे साथ ही विक्रेताओं से शपथ-पत्र लिया जाएगा की वह न्यूजपेपर का उपयोग नहीं करेंगे। न्यूजपेपर और अन्य कागजों में खाने वाली चीजों को परोसने पर पूर्णत प्रतिबंधन लगाने का आदेश जारी किया है।
हो सकता है कैंसर?
आपको बता दें कि राजधानी भोपाल समेत अन्य जिलों में नास्ता आमतौर पर पोहा, जलेबी, समोसा, कचौड़ी, पेपर में ही परोसा जाता है। जोकि आम लोगों की सेहत पर काफी असर डालता है। लेकिन अब राजधानी कलेक्टर ने पेपर में नास्ता देने पर प्रतिबंध लगाने वाले अभियान छेड़ दिया है। दरअसल, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की एक रिपोर्ट मे खुलासा भी हुआ है कि अखबार में खाना सेहत के लिए हानिकारक है। अखबार की छपाई में इस्तेमाल होने वाली स्याही हमारे पेट में गंभीर बीमारियां पैदा करती है। अखबार में लिपटा ऑयली खाना और भी खतरनाक होता है। अखबार की स्याही कैंसर का कारण भी बनती है।