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Bonsai Exhibition: भोपाल की बोनसाई प्रदर्शनी में लाखों के पेड़-पौधे, कई 70 साल पुराने, प्रजातियां देख हैरान रह जाएंगे

Bonsai Exhibition: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तीन दिवसीय बोनसाई प्रदर्शनी रखी गई है। 15 नवंबर को इस कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ था।

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Ujjwal Rai
bonsai plant exhibition

bonsai plant exhibition

Bonsai Plants Exhibition: आजकल लोगों को गार्डनिंग का बहुत शौक होता है, लेकिन घरों में जगह न होने की वजह से वे घरों में प्लांटिंग नहीं कर पाते हैं। हालांकि, बोनसाई के पौधे इसके लिए एक अच्छा ऑप्शन हैं। आप अपने छोटे से घरों में इन पौधों से सजावट कर सकते हैं। वहीं, अपने गार्डनिंग को शौक को भी पूरा कर सकते हैं।

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दरअसल, बोनसाई के पौधों (Bonsai Plants Exhibition) की हाइट बहुत कम होती है। देश में आमतौर पर पाए जाने वाले पाकड़ की ऊंचाई 50 फीट तक होती है, लेकिन बोनसाई पौधे की ऊंचाई है ढाई फीट और उम्र करीबन 14 से 70 साल तक है।

[caption id="attachment_699163" align="alignnone" width="616"]bonsai plant exhibition गुलाब उद्यान में बोनसाई प्रदर्शनी[/caption]

बता दें कि, प्रदर्शनी में 400 से ज्यादा बोनसाई पौधों को प्रदर्शित किया गया है, जहां बोनसाई की 20-25 वैरायटी हैं। इनमें जैड, मधुकामिनी, फाइकस से लेकर बुद्धा पीपल के प्लांट्स हैं।

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बसंल न्यूज डिजिटल ने भोपाल लेक सिटी बोनसाई एसोसिएशन की संस्थापक सदस्य अरुंधति तिवारी से बात की। उन्होंने बताया कि- ये चीन और जापान की कला है, जो अब भारत में भी आ गई है। उन्होंने बताया कि बोन और साई के अलग-अलग मतलब होते हैं, जिन्हें मिलाकर बोनसाई (Bonsai Plants Exhibition) बना है। बोन का मतलब होता है ट्रे, वहीं साई का मतलब प्लांट, यानी की प्लांट को ट्रे में रखना।

हर एक प्लांट अजूबा है

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बोनसाई एसोसिएशन (Bonsai Plants Exhibition) के सदस्य और बोनसाई आर्टिस्ट सौमिक दास ने बताया कि प्रदर्शनी में दिखाया गया हर एक प्लांट अजूबा है। उन्होंने बताया कि यहां बोनसाई की 20-25 वैरायटी मौजूद हैं, जिनकी उम्र अलग-अलग है, जिसकी क्वालिटी और स्पीशीज उसके हिसाब से है।

बोनसाई में ये प्लांट खरीदना बेहतर ऑप्शन

[caption id="attachment_699167" align="alignnone" width="619"]bonsai plant exhibition फिकस लॉन्ग आइलैंड[/caption]

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बोनसाई आर्टिस्ट सौमिक दास ने बिगिनर्स को फिकस के प्लांट खरीदने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि- बोनसाई (Bonsai Plants Exhibition)  में सबसे पहले फिकस वैरायटी आती है। इसमें कई वैरायटीज हैं, ये एक फैमिली है, जिसमें फिकस लॉन्ग आइलैंड, फिकस रेटुसा, फिकस माइक्रोकार्पा, फिकस इन्फेक्टोरिया के पेड़ शामिल हैं।

फिकस इन्फेक्टोरिया (Bonsai Plants Exhibition) का प्लांट हिंदुस्तान में पाया जाता है। इसे पलखन या पाखुड़ कहा जाता है, जो भारत के हर गांव में पाया जाता है।

क्या हैं फिकस प्लांट को खरीदने के फायदे?

[caption id="attachment_699170" align="alignnone" width="612"]publive-image फिकस रेटुसा[/caption]

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बोनसाई आर्टिस्ट ने बताया कि प्रदर्शनी में मौजूद सभी पेड़-पौधों के देखा जाए, तो कोई भी पेड़ सीधा नहीं है, उनमें कुछ न कुछ बैंडिंग हैं, टेढ़े- मेढ़े हैं। दरअसल, इन्हें वायर के जरिए ये शेप दिया जाता है। उन्होंने कहा कि- फिकस की प्रजातियों में ये वायरिंग आसानी से हो जाती है और ये पेड़ उसे सहन कर लेता है। इस वजह से लोग इस पेड़ को अपने घरों में रख सकते हैं।

ये प्लांट भी हैं अनोखे

इस प्रदर्शनी (Bonsai Plants Exhibition) में फिकस के अलावा लोग, चीनी एल्म, कार्बोना मैक्स मालपीजिया, पिलखन, बरगद, जंगल जलेबी, फुकियन टी नाम के बोनसाई प्लांट्स भी मौजूद हैं।

शक्तिशाली पेड़ है चीनी एल्म 

[caption id="attachment_699169" align="alignnone" width="616"]Chinese Elm चाइनीज एल्म[/caption]

बोनसाई (Bonsai Plants Exhibition) में चाईनीज एल्म एक अनोखा प्लांट है। इसकी पत्तियां छोटी होती हैं। ये भारत में भी मिलता है, लेकिन ये प्लांट चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया का मूल निवासी है। अपने मूल वातावरण में यह 80 फीट (25 मीटर) तक की ऊंचाई तक पहुंचने वाला एक शक्तिशाली पेड़ हो सकता है।

भोपाल में बोनसाई प्रदर्शनी: 50 से 55 साल पुराने पौधे, जैड, मधुकामिनी, फाइकस और बुद्धा पीपल ने खींचा लोगों का ध्यान

लुप्त हो रहे

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भोपाल के गुलाब उद्यान (Bonsai Plants Exhibition) में आयोजित इस प्रदर्शनी में खिरनी के पेड़ भी मौजूद हैं। इस पेड़ी की लकड़ी बहुत मजबूत और चिकनी होती है। इस छाल दवा के काम भी आती है। हालांकि, अब ये पेड़ लुप्त होने की कगार पर हैं।

कैसे रखें इन पेड़ों का ख्याल?

[caption id="attachment_699175" align="alignnone" width="632"]publive-image Lanscape[/caption]

बोनसाई आर्टिस्ट ने बताया कि बोनसाई के प्लांट का ध्यान रखने के लिए इनके साथ समय बिताना बहुत जरूरी है। इन पेड़-पौधों को सुबह-शाम पानी देना जरूरी है। इसके अलावा इनमें ऑर्गेनिक प्रोडक्ट देना बहुत जरूरी है। इन पौधों की देखभाल के लिए गोबर की खाद्य, नीमखल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

क्या है बोनसाई की कीमत?

बोनसाई प्लांट (Bonsai Plants Exhibition) की कीमत की बात करें तो, ये 300 रुपए से लेकर लाखों में मिल सकते हैं। हालांकि, 300-400 रुपए इन प्लांट्स का मटेरियल शुरू होता है, जैसे-जैसे पेड़ बढ़ता जाता है, उसकी वेल्यू और कीमत भी बढ़ जाती है।

इस दिन तक चलेगी प्रदर्शनी

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तीन दिवसीय बोनसाई प्रदर्शनी (Bonsai Plants Exhibition) रखी गई है। 15 नवंबर को इस कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ था। बता दें कि 17 नवंबर तक ये प्रदर्शनी आयोजित की गई है, जिसका समय सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक है। यहां पर कार्यशालाएं भी आयोजित की गई हैं, जहां इन खास की पौधों की देखभाल करने के टिप्स एंड ट्रिक्स बताए जा रहे हैं।

खेल मंत्री ने किया उद्घाटन

तीन दिनी इस प्रदर्शनी (Bhopal Bonsai Exhibition) का उद्घाटन 15 नवंबर को प्रदेश के सहकारिता एवं खेल मंत्री विश्वास सारंग ने किया।

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बोनसाई प्रेमियों ने इन्हें सहेज कर रखा हुआ है। ये लिंक रोड नंबर-1 पर स्थित गुलाब उद्याग में लगाई गई तीन दिनी बोनसाई प्रदर्शनी में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

प्रदर्शनी (Bhopal Bonsai Exhibition) के शुभारंभ मौके पर भोपाल लेक सिटी बोनसाई एसोसिएशन की संस्थापक सदस्य अरुंधति तिवारी और देश-विदेश से आए विशेषज्ञ उपस्थित थे। इंडोनेशिया के बोनसाई विशेषज्ञ ययात हिदायत, अधित्य आजी पमुनगकास के साथ ही सौमिक दास नई दिल्ली, अनुपमा वडेचला बेंगलुरु, गोविंद राज हैदराबाद आदि बोनसाई प्रेमियों को इस विद्या की बारीकियों से अवगत करवाया।

कार्यक्रम में लेक सिटी बोनसाई एसोसिएशन के चेयरपर्सन मनीष श्रीवास्तव, अध्यक्ष जेएस. बिंद्रा, सचिव दीपक नलावडे सहित पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे।

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