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Bhopal AIIMS News : एम्स भोपाल में 2 फीट लंबे, साढ़े 4 किलो वजनी दुर्लभ ट्यूमर का सफल ऑपरेशन

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Preeti Dwivedi
Bhopal AIIMS News : एम्स भोपाल में 2 फीट लंबे, साढ़े 4 किलो वजनी दुर्लभ ट्यूमर का सफल ऑपरेशन

भोपाल। Bhopal AIIMS News : भोपाल एम्स में एक और कारनामा रच दिया है। MP Breaking news बीते कुछ दिनों पहले आंखों के ट्यूमर का mp news भी सफल आपरेशन किया गया था। इस​के ​बाद अब डॉक्टरों ने एक और कारनामा कर दिया है। जिसमें एक युवक के पीठ पर 2 फीट लंबे और साढ़े चार किलो वजनी प्लेक्सिफॉर्म न्यूरोफाइब्रोमा ट्यूमर plexiform neurofibroma tumor का सफल आपरेशन किया गया है। आपको बता दें एम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग के डाक्टरों द्वारा सफल आपरेशन किया गया है।

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ऐसे आई थी समस्या —
आपको बता दें AIIMS Bhopal के न्यूरोसर्जरी विभाग में अशोक नगर निवासी 31 वर्षीय व्यक्ति की पीठ पर 2 फीट लंबे ट्यूमर की दुर्लभ सर्जरी की गई। जानकारी के अनुसार ट्यूमर अत्यंत वैस्कुलर था। जिसका वजन करीब 4.5 किलोग्राम था। न्यूरोसर्जरी ओपीडी में आए एक 31 वर्षीय व्यक्ति को पीठ पर भयानक सूजन दिखाई दिखने के बाद उसे पूर्ण मूल्यांकन के लिए भर्ती कराया गया था।

धीरे—धीरे बढ़ रहा था आकार —
रोगी की पीठ पर कई दिनों से सूजन आ रही थी। लेकिन इस सूजन में 30 वर्षों में धीरे-धीरे बढ़ती गई। इसका आकार भी बढ़ रहा था। जिसके बाद रोगी को असहनीय दर्द हो रहा था। जब रोगी का एमआरआई तथा सीटी स्कैन स्पाइन किया गया तो पीठ पर एक विशाल ट्यूमर दिखा। जिससे स्पाइन और मीडियास्टिनम को इफेक्ट कर रहा था। विशेषज्ञों की मानें तो ये बेह वैस्कुलर था। इतना ही नहीं रीढ़ की हड्डी को भी विकृत कर रहा था। इसलिए इसका ऑपरेशन करना जरूरी था। इसके लिए डॉक्टरों की एक टीम ने बैठक लेकर आपरेशन का निर्णय लिया। आपको बता दें बैठक में प्रो. अमित अग्रवाल, डॉ. आदेश श्रीवास्तव, डॉ. सुमित राज, डॉ. प्रदीप चौकसे द्वारा यथाशीघ्र ऑपरेशन लिया गया।

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इन्होंने की सर्जरी —
भोपाल एम्स में ये सफल आपरेशन सर्जरी डॉ. कौस्तव साहा के साथ डॉ. सुमित राज और डॉ मनाल खान (प्लास्टिक सर्जन) द्वारा किया गया है।आपको बता दें ये आपरेशन बेहद रिस्की था। इसके लिए अत्यंत सावधानीपूर्वक मरीज को सर्जरी के लिए ले जाया गया। रोगी का 6 दिसंबर 2022 को ऑपरेशन किया गया। सर्जरी के आखिर में पेशेंट प्रायमरी क्लोजर और सर्जरी का लक्ष्य हासिल किया गया। उसे अगले ही दिन चलाया गया और अब वह अपनी पीठ पर भारी वजन से राहत महसूस कर रहा है। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. जे पी शर्मा और डॉ. अनुपमा शामिल थीं। यह एक अत्यंत दुर्लभ बीमारी है। ऐसी सर्जरी केवल विशेष केंद्रों पर ही की जाती हैं और रोगी को कुछ भी अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ा क्योंकि वह आयुष्मान लाभार्थी था।

प्लेक्सिफ़ॉर्म न्यूरोफ़िब्रोमा क्या है?
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस (एनएफ) टाइप 1 (वॉन रेक्लिंगहॉसन एनएफ) एक आनुवांशिक विकार है। जो जन्म लेने वाले 4000 व्यक्तियों में से 1 को होता है। यह परिवर्तनशील पेनिट्रेंस के साथ एक ऑटोसोमल डोमेनिंट पैटर्न में अंतर्निहित होता है। हालाँकि, 50% मामले स्वतःस्फूर्त उत्परिवर्तन के कारण हो सकते हैं। यह रोग क्रोमोसोम एल 7 पर एक ट्यूमर सप्रेसर जीन में एक दोष के परिणामस्वरूप होता है, जो प्रभावित व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार के मामूली और घातक ट्यूमर विकसित करने के जोखिम उत्पन्न करता है।

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