Bhopal Rape Case: 1 मई को भोपाल के मिसरोद थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक नामी स्कूल के हॉस्टल (Bhopal Rape Case) मे दूसरी क्लास में पढ़ने वाली 8 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है।
बच्ची की दो मेडिकल रिपोर्ट में अंतर होने के बाद गुरुवार को मेडिकल बोर्ड की मेडिकल टीम से चैकअप कराने का निर्णय लिया गया था।
जिसके बाद चार डॉक्टरों की टीम ने बच्ची (Bhopal Rape Case) की मेडिकल जांच की और रिपोर्ट में सामने आया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट से किसी भी तरह की छेड़छाड़ या दुष्कर्म नहीं हुई है। वहीं, रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि बच्ची को जो रेडनेस है वह भी 10 दिन पुरानी है। जबकि स्कूल और हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी आरोपियों के फुटेज नहीं मिले।
मेडिकल रिपोर्ट्स में भिन्नता
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बच्ची की मां (Bhopal Rape Case) ने जेपी हॉस्पिटल में खुद जाकर बच्ची का जो मेडिकल चैकअप करवाया है और पुलिस ने गायनेकोलॉजिस्ट की टीम से जो मेडिकल चैपअप करवाया था वो दोनों अलग-अलग थे।
इसके बाद मेडिकल बोर्ड ने एक बार फिर बच्ची का परीक्षण करने का फैसला लिया गया। गुरुवार को एक बार फिर मेडिकल टीम ने बच्ची का मेडिकल परीक्षण किया और बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बच्ची के प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ या रेप की घटना से इनकार कर दिया।
एसआईटी जांच में जुटी
मिसरोद से मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एसआईटी जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद एसआईटी जांच करने के लिए हॉस्टल पहुंची और वहां पर लगे सीसीटीवी खंगालने शुरू किए, जिन लोगों पर बच्ची की मां ने दुष्कर्म करने के आरोप लगाए गए थे, उनके खिलाफ एसआईटी को किसी भी तरह के सबूत नहीं मिले हैं।
बता दें कि बच्ची की मां ने स्कूल के हॉस्टल में 8 साल की बच्ची से रेप किए जाने के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को आरोपी बनाया था।
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