Bhilai News: छत्तीसगढ़ के भिलाई में रिसाली स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) में बच्ची के साथ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए पेरेंट्स ने जमकर हंगामा किया. आरोप है कि प्रबंधन ने कार्रवाई करने की जगह बच्ची को ही स्कूल से निकाल दिया. इधर जिले के एसपी जितेंद्र शुक्ला ने भी इस मामले को दुष्प्रचार बताया है.
बता दें कि पेरेंट्स बड़ी संख्या में नारेबाजी करते हुए शुक्रवार को DPS पहुंच गए. जहां प्रबंधन ने गेट बंद करा दिया था. जिसके बाद परेंट्स ने स्कूल के बाह ही ‘वी वांट जस्टिस’ का नारा लगाना शुरू कर दिया. इसके बाद सूचना मिलने पर ASP सुखनंदन राठौर भी पुलिस फोर्स के साथ पहुंच गए.
पेरेंट्स ने लगाया है ये आरोप
घटना 5 जुलाई की बताई जा रही है. पेरेंट्स ने आरोप लगाया है कि बच्ची से स्कूल में यौन छेड़छाड़ की गई. बच्ची की डॉक्टर से जांच कराने पर मेडिकल में इसकी पुष्टि हुई है. पेरेंट्स के पास मेडिकल रिपोर्ट भी है. परिजनों का कहना है कि उन्होंने शिकायत की, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबा दिया.
पेरेंट्स का कहना है कि घटना वाले दिन आया बच्ची को लेकर वॉशरूम गई थी. फिर उसे वहीं छोड़कर आया किसी काम से चली गई. इसी दौरान स्कूल के ही किसी कर्मचारी ने बच्ची का यौन शोषण किया. बच्ची जब घर पहुंची तो काफी डरी हुई थी. जिसके बाद माता-पिता उसे डॉक्टर के पास ले गए.
स्कूल प्रबंधन पर मामले को दबाने का आरोप
पेरेंट्स ने पुलिस पर भी कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. उन्होंने मामले की जांच SDM स्तर के अधिकारी से कराने की मांग की है. पेरेंट्स का कहना है कि अगर स्कूल में ही बच्चे सुरक्षित नहीं रहेंगे तो पढ़ने के लिए कैसे भेजेंगे. छोटी बच्ची का सवाल है, लेकिन स्कूल प्रबंधन उनकी बात नहीं सुन रहा है.
पेरेंट्स ने बताया कि घटना के बाद बच्ची के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन से शिकायत की थी. स्कूल प्रबंधन ने FIR दर्ज कराने का भरोसा भी दिया था, लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं की घई. साथ ही उस आया को भी काम से निकाल दिया गया. प्रबंधन पुलिस के साथ मिलकर मामले को दबा रहा है.
पुलिस और प्रबंधन का क्या कहना है?
पुलिस और पेरेंट्स के बीच स्कूल परिसर में ही मीटिंग हुई. इस दौरान ASP राठौर ने कहा कि, पुलिस ने मामले की जांच की और डॉक्टर से भी पूछताछ की, साथ ही मेडिकल रिपोर्ट देखी. बच्ची का यौन शोषण नहीं हुआ है. इसका खंडन डॉक्टरों ने भी किया है.
इस बात पर पेरेंट्स फिर भड़क गए. उन्होंने पुलिस से कहा कि आप लिखित में यह बात दीजिए. जांच रिपोर्ट कहां हैं? पेरेंट्स ने ASP पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है. इस पर ASP ने कहा कि, आप 5-7 लोगों की कमेटी बना लीजिए, उनसे बात करेंगे, लेकिन पेरेंट्स ने कहा कि, बात सबके सामने होगी.
स्कूल के प्रिंसिपल ने कही ये बात
प्रदर्शन के दौरान स्कूल में अभिभावकों ने प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ से बातचीत पर अड़े रहे. काफी इंतजार के बाद प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ आए. फिर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में स्कूल प्रबंधन और पेरेंट्स दोनों पक्षों के बीच चर्चा की.
प्राचार्य ने बताया कि, परिजनों के आरोप लगाने के बाद हमने उन्हें CCTV फुटेज दिखाया है. बच्ची ने फुटेज में आया को नहीं पहचाना. उन्होंने कहा कि, खेल के दौरान बच्ची की तबीयत बिगड़ गई थी. इस पर उसे वॉशरूम ले गए और मुंह धुलाकर क्लास में छोड़ दिया. उसके बाद से बच्ची क्लास में रही और छुट्टी होने के बाद टीचर के साथ बस से घर चली गई.
SP जितेंद्र शुक्ला ने कही ये बात
इस पूरे हंगामे और आरोपों के बीच जिले के SP जितेंद्र शुक्ला ने मीडिया से कहा कि, घटना को दुष्प्रचारित किया जा रहा. शहर का माहौल भी खराब हो रहा. पिछले कई दिनों से बच्ची से दुष्कर्म और पुलिस के जांच नहीं करने की बात कही जा रही है.
SP ने कहा कि पुलिस की जानकारी में घटना 6 जुलाई को आई. हमने 7, 8 तारीख से जांच शुरू की थी. हर एंगल को 10 से 15 दिन में देखा गया. बच्ची और उसके पेरेंट्स से लेकर स्कूल में बच्ची के जाने से लेकर उसके निकलने तक प्रिंसिपल, एडमिनिस्ट्रेशन, आया, क्लास टीचर सभी से पूछताछ की गई.
डॉक्टर ने भी सेक्सुअल हैरेसमेंट की बात से किया इनकार: SP
एसपी ने बताया कि, बच्ची का मेडिकल करने वाले डॉक्टर से भी बात की गई. डॉक्टर ने इस मामले में किसी भी प्रकार के सेक्सुअल हैरेसमेंट से इनकार किया. उन्होंने कहा कि बच्ची को यूरिनल इन्फेक्शन था. उसमें यूपीआई के लक्षण थे, जिसके कारण प्रिस्क्रिप्शन लिखी गई थी. किसी गलत हाथ में डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन चला गया, उसने उसे मेडिकल रिपोर्ट बताकर गलत तरीके से प्रस्तुत किया.