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भस्मआरती की ऑफलाइन अनुमति प्रक्रिया में बदलाव: अब उसी दिन शामिल हो सकेंगे श्रद्धालु, शाम 7 से रात 9 बजे तक मिलेगा फॉर्म

Bhasmaarati Ujjain: श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने भस्मआरती की ऑफलाइन अनुमति प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जो रविवार से लागू हो सकता है।

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Shashank Kumar
Bhasmaarati Ujjain

Bhasmaarati Ujjain: श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने भस्मआरती की ऑफलाइन अनुमति प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जो रविवार से लागू हो सकता है। महाकाल मंदिर प्रबंधक अनुकूल जैन के अनुसार, ऑनलाइन बुकिंग में श्रद्धालुओं को काफी लंबा इंतजार करना पड़ता था, जबकि ऑफलाइन अनुमति प्रक्रिया में एक दिन का समय लगता था।

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शाम 7 से रात 9 बजे तक मिलेगा फॉर्म

अब इस प्रक्रिया (Bhasmaarati Ujjain) को सरल बना दिया गया है। श्रद्धालु रोजाना शाम 7 से रात 9 बजे तक मंदिर काउंटर से भस्मआरती के लिए फॉर्म प्राप्त कर सकेंगे। वे इन फॉर्म को रात 11 बजे तक भरकर जमा कर सकते हैं।

फॉर्म जमा करने के बाद, सीटों की उपलब्धता के आधार पर तुरंत अनुमति दी जाएगी, जिससे श्रद्धालु उसी दिन तड़के होने वाली भस्मआरती में शामिल हो सकेंगे। पहले अनुमति मिलने के बाद अगले दिन भस्मआरती में शामिल होने का अवसर मिलता था।

भस्म आरती में 300 श्रद्धालुओं का कोटा

प्रात:काल होने वाली भस्म आरती में प्रतिदिन अधिकतम 300 श्रद्धालु ही सम्मिलित हो सकते हैं। इस कोटे के तहत भक्तों को अनुमति पत्र प्राप्त करनी होती है। बता दें, कि पहले श्रद्धालुओं को सुबह 5:00 बजे से लाइन में लगना पड़ता था।

इससे श्रद्धालुओं का पूरा दिन खराब होता था। वहीं, अब अगले दिन सुबह 8:00 से 9:00 बजे के बीच फॉर्म जमा किए जा सकते हैं। फॉर्म जमा करते समय श्रद्धालु को अपने साथ आधार कार्ड लेकर आना होगा।

आधार कार्ड दिखाना पड़ेगा, फोटो भी खिंचेगी

नए नियम के अनुसार भस्म आरती में शामिल होने वाले सभी लोगों की पहचान के लिए आधार कार्ड दिखाना और फोटो खिंचवाना अनिवार्य है। श्रद्धालु को जिस दिन भस्म आरती की अनुमति दी जाएगी, उसी दिन आरती में सम्मिलित हुआ जा सकेगा।

श्रद्धालुओं के लिए 300 सीट का कोटा

महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के अनुसार, "महाकाल मंदिर में आने वाले आम श्रद्धालुओं के लिए 300 सीट का कोटा है। पहले श्रद्धालुओं को सुबह 5 बजे से लाइन में लगाकर भस्मारती की परमिशन के प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था।"

हालांकि, बता दें कि भस्म आरती के पास को लेकर मंदिर प्रशासन पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। भस्म आरती के पास बेचने के मामले भी कई बार सामने आ चुके हैं, जिसके बाद प्रशासन ने यह नया नियम लागू किया है।

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