Bhai Dooj 2023 : मार्च में होली के बाद आने वाला है सबसे खास त्योहार भाई दूज। holi bhai dooj 2023 जी हां इस दिन बहिनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती है। तो वहीं भाई भी अपने बहनों को उनकी रक्षा का वादा देते हैं। अगर आप होली की तरह ही भाईदूज की तिथि को लेकर कंफ्यूज हैं तो आपको बता दें पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जानते हैं कि भाईदूज के बाद होली कब है और इसके लगाने की सही दिशा क्या है।
उदया तिथि के अनुसार इस दिन मनेगी भाई—दूज 2023 Bhai Dooj 2023
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार होली के बाद इस बार भाई दूज का त्योहार 9 मार्च को मनाया जाएगा। इस बार तिथियों को लेकर कुछ घटबढ़ होने से ऐसा हो रहा है। आपको बता दें इस बार होलिका दहन 7 मार्च 2023 को होगा। तो वहीं धुरैड़ी यानि होली 8 मार्च को खेली जाएगी। इसी दिन रात में 6:45 से दूज तिथि शुरू हो जाएगी। परंतु भाई दूज का त्योहार उदया तिथि में मनाया जाता है। इसलिए उदया तिथि 9 मार्च को आने के कारण भाईदूज 9 मार्च को मनाई जाएगी।
भाई दूज — Bhai Dooj 2023
दिनांक — 9 मार्च 2023
द्वितीया तिथि प्रारंभ 8 मार्च की शाम 6:45 से शुरू
दिन : गुरुवार
भाई दूज पर तिलक करने की विधि – Bhai Dooj 2023 puja vidhi
इस दिन भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है।
पिसे चावल से चौक बनाएं। भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं।
भाई के हाथें में कलावा बांधें।
भाई को तिलक लगाएं। फिर भाई की आरती उतारें।
भाई को मिठाई खिलाएं।
मिठाई खिलाने के बाद भाई को भोजन कराएं।
भाई को बहन को कुछ न कुछ उपहार में जरूर देना चाहिए।
ऐसा करने से भाई की नहीं होती अकाल मृत्यु
इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि के लिए उनका तिलक करती हैं। मान्यता है कि जो बहन अपने भाई के माथे पर कुमकुम या रंग गुलाल का तिलक लगाती हैं, उनको सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जो भाई बहन के घर जाकर तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती।
भाई दूज की पौराणिक कथा: Bhai Dooj 2023 katha
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और उसके बाद अपनी बहन सुभद्रा से मुलाकात की थी। सुभद्रा ने श्री कृष्ण के माथे पर तिलक लगाया और गले में माला डालकर स्वागत किया। सुभद्रा ने उन्हें मिठाई खिलाई और फिर अपने भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना की। इस कथा के अलावा इस दिन के पीछे यम और यमी की कहानी भी है। आइए पढ़ते हैं यह कथा।
यम और यमी की कहानी: Bhai Dooj 2023 yam yami katha
हिंदू पौराणिक कथाओं में उल्लेख किया गया है कि इस दिन भगवान यम लंबे समय के बाद अपनी बहन यमी से मिले थे। यमी अपने भाई यम से मिलकर बेहद खुश हुई थीं और उनका स्वागत आरती और मालाओं से किया था। साथ ही उनके माथे पर सिंदूर का तिलक लगाया था। फिर यमी ने यम के लिए एक शानदार दावत का आयोजन किया था। यम ने पूरा दिन अपनी बहन के साथ खुशियों में बिताया और घोषणा की कि जब कोई भाई इस दिन अपनी बहन से मिलने जाएगा तो उसे लंबी उम्र और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा।
किस दिशा में बिठा कर करना चाहिए भाई का तिलक —
इस दिशा में हो भाई का चेहरा —
तिलक करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि भाई का चेहरा उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में से किसी एक ओर हो। वहीं बहन का चेहरा उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इस दिशा में तिलक करना और करवाना शुभ माना जाता है।
इस तरह से करें भाई का तिलक
जहां तक संभव हो कोशिश करें कि भाई दूज पर भाई सोफे और कुर्सी पर बैठने की बजाए जमीन पर चौक पर बैठै। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है।
इसलिए तिलक करने से पहले बहनें जमीन पर आटा या गोबर से चौक बना लें। चौक बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि चौक ऐसा बनाएं जिससे भाई का चेहरा उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में आए।
वहीं बहन का चेहरा उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर हो। इसके बाद चौक पर लकड़ी का पाटा रखकर उस पर भाई को बिठायें।
फिर बहनें खुद भी किसी आसन या पाटे पर बैठें और भाई के माथे पर तिलक लगाएं।
भाई के हाथ में कलावा बांधकर दीपक जलाकर भाई की आरती करें। मिठाई खिलाकर भाई की लंबी आयु की कामना करें।
भाई को तिलक करते समय रखें इन बातों का ध्यान —
तिलक के समय भाई या बहन काले रंग के कपड़े न पहनें।
आपस में झगड़ा न करें। घर में भी शांति का माहौल बनाये रखें।
संभव हो तो बहनें तिलक करने से पहले तक उपवास करें। तिलक करने के बाद ही कुछ खाएं।
उपहार का निरादर न करें।
नोट — इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता।