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हाइलाइट्स
- मध्य प्रदेश में सोयाबीन भावांतर योजना पर विवाद
- छोटे किसान MSP पर खरीदी की मांग को लेकर प्रदर्शन में
- सरकार ने मॉडल रेट और MSP के बीच राशि देने का आश्वासन
Bhavantar Yojana MP Farmer Protest: मध्य प्रदेश में सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना (Price Difference Scheme) के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। छोटे और मध्यम वर्ग किसानों का कहना है कि सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होनी चाहिए और भावांतर योजना उन्हें संतोषजनक नहीं लग रही। वहीं, सरकार ने साफ किया है कि भावांतर योजना के तहत किसानों को मॉडल रेट से ऊपर एमएसपी तक की राशि दी जाएगी और किसी भी पात्र किसान को लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा।
सरकार की तरफ से बयान
सरकार ने कहा है कि सोयाबीन की खरीदी शुरू होने के 15 दिन के भीतर पहला मॉडल रेट जारी किया जाएगा। इसके बाद रोजाना मॉडल रेट का अपडेट मिलेगा। किसानों को मॉडल रेट और MSP के बीच का अंतर भावांतर राशि के रूप में दिया जाएगा। केंद्र सरकार के अनुसार, MSP का 15 प्रतिशत (लगभग 799 रुपये प्रति क्विंटल) का भुगतान भावांतर के रूप में किया जाएगा। यदि मॉडल रेट MSP से कम आया, तो राज्य सरकार द्वारा शेष राशि का भुगतान किया जाएगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि एफएक्यू (Fair & Average Quality) सोयाबीन होना जरूरी है। खरीदी में 40% तक की बाध्यता नहीं होगी, और यदि इससे अधिक एफएक्यू सोयाबीन मंडी में आती है, तो भी भावांतर राशि का भुगतान किया जाएगा।
भुगतान का गणित: उदाहरण
उदाहरण 1: फसल 4600 रुपये प्रति क्विंटल बिकी, मॉडल रेट 4400; भुगतान = 5328 – 4600 = 728 रुपये।
उदाहरण 2: फसल 4400 रुपये प्रति क्विंटल बिकी, मॉडल रेट 4300; भुगतान = 5328 – 4400 = 928 रुपये।
किसानों का विरोध और प्रदर्शन
कृषि संगठनों ने भावांतर योजना के विरोध में कई जिलों में प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसमें शामिल हैं:
भारतीय किसान संघ, कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ, आम किसान यूनियन, किसान आर्मी, किसान स्वराज संगठन, मालवा व निमाड़ किसान यूनियन, बीकेयू (टिकैत धड़ा), युवा किसान संगठन और करणी सेना।
प्रदर्शन कार्यक्रम इस प्रकार है:
6 अक्टूबर: करेली, भैरुंदा और मंदसौर
8 अक्टूबर: इंदौर
9-10 अक्टूबर: नीमच, मंदसौर और अलीराजपुर
नेताओं का बयान
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा कि किसानों से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद खरीदी MSP पर ही होनी चाहिए। वहीं, कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष केदार सिरोही ने कहा कि भावांतर योजना को जबरन लागू किया जा रहा है, जो किसानों के हित में नहीं है।
एक नजर में
मध्य प्रदेश में सोयाबीन भावांतर योजना को लेकर किसान संगठनों का विरोध लगातार बढ़ रहा है। सरकार का दावा है कि सभी पात्र किसानों को लाभ मिलेगा, लेकिन किसानों की मांग है कि खरीदी MSP पर सुनिश्चित हो। आगामी दिनों में यह विवाद और बढ़ सकता है, क्योंकि किसान संगठनों ने राज्यभर में प्रदर्शन और विरोध के कार्यक्रम घोषित किए हैं।
MP 76 Medicines Substandard: मध्यप्रदेश की 76 दवाएं अमानक, इंजेक्शन, पैरासिटामोल और ORS भी दूषित
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मध्यप्रदेश में पिछले 8 महीनों में बनी 76 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इनमें पैरासिटामोल की टैबलेट, विभिन्न प्रकार के इंजेक्शन, ओआरएस, आंखों में डालने वाला ऑइंटमेंट, विटामिन और कैल्शियम की गोलियां, साथ ही फेसवॉश भी शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करे्ं
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