नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नए वाहनों के लिए भारत सीरीज़ (Bharat series) की अधिसूचना जारी की है। अब नए वाहनों का इस नियम के तहत BH सीरीज में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन्हें होगा जो एक राज्य से दूसरे राज्य में गाड़ी को ले जाते रहते हैं। अब उन्हें BH सीरीज की गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर रजिस्ट्रेशन फिर से नहीं कराना होगा।
पुराना नियम क्या था?
बतादें कि पहले अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य में अपने गाड़ी को ले जाते थे तो आपको उस राज्य में जाने के बाद गाड़ी को फिर से रजिस्टर्ड करना होता था। लेकिन अब राज्य बदलने के बाद भी गाड़ी को पुराने रजिस्ट्रेशन नंबर पर ही चला सकेंगे। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन कर्मचारियों को होगा जो काम के सिलसिले में अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होते रहते थे।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने क्या कहा?
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘भारत श्रंखला के तहत रक्षा कर्मियों, केंद्र सरकार/राज्य सरकार, केंद्रीय/राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों या संगठनों के उन कर्मचारियों को यह सुविधा स्वैच्छिक आधार पर उपलब्ध होगी, जिनके कार्यालय चार या अधिक राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में हैं।’’ इस योजना के तहत राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के बीच व्यक्तिगत वाहनों की आवाजाही सुगमता से हो सकेगी।
BH रजिस्ट्रेशन का फॉर्मेट YY BH 5529 XX YY रखा गया है, जिसमें पहले रजिस्ट्रेशन का साल BH – भारत सीरीज कोड 4 – 0000 से 9999 XX अल्फाबेट्स (AA to ZZ तक)।
14 वर्ष के बाद टैक्स वार्षक रूप से लगया जाएगा
बीएच सीरीज के तहत मोटर व्हिकल टैक्स दो साल या 4, 6, 8 साल… इस हिसाब से लगाया जाएगा, यह योजना नए राज्य में स्थानांतरित होने पर निजी वाहनों की मुफ्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी, चौदहवें वर्ष के बाद मोटर व्हिकल टैक्स वार्षिक रूप से लगाया जाएगा जो उस वाहन के लिए पहले वसूल की गई राशि का आधा होगा।
नए नियम के तहत वाहन टैक्स इस प्रकार है
अधिसूचना के अनुसार वाहनों के पंजीकरण के समय 10 लाख रूपये तक के वाहन पर आठ प्रतिशत का टैक्स लिया जाएगा। जबकि 10 से 20 लाख रूपये तक के वाहन पर 10 प्रतिशत का वाहन टैक्स लिया जाएगा। वहीं 20 लाख रूपये से अधिक के वाहन पर 12 प्रतिशत टैक्स लगेगा। अगर डिजल वाहन है तो इस पर दो प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर दो प्रतिशत का कम शुल्क लगेगा।