नई दिल्ली। Bel Patra Rules: 4 जुलाई से सावन का महिना शुरू हो रहा है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग कई उपाए करेंगे। इन्हीं में से एक है बेलपत्र। पर क्या आप जानते हैं की बेलपत्र को चढ़ाने का सही नियम क्या है, यदि नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं। कि बेलपत्र कैसे चढ़ाते हैं।
बेलपत्र चढ़ाने के नियम
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किस दिन तोड़ना चाहिए बेलपत्र – Bel Patra Rules
बेलपत्र को तोड़ते के दिन की बात करें तो चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि के दिन बेलपत्र भूलकर भी नहीं तोड़ने चाहिए। साथ ही ध्यान रखना चाहिए की इसे तिथियों के संक्रांति काल और सोमवार को भी न तोड़ा जाए। समय भगवान शिव का ध्यान करते हुए मन ही मन प्रणाम करना चाहिए।
बेलपत्र कैसे चढ़ाते हैं
बेलपत्र ( Bel Patra Rules) को कभी भी टहनी समेत नहीं तोड़ना चाहिए। इसके अलावा इसे चढ़ाते समय तीन पत्तियों की डंठल को तोड़कर ही भगवान शिव को अर्पण करना चाहिए।
क्या किसी और का बेलपत्र चढ़ा सकते हैं –
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार बेलपत्र ( Bel Patra Rules) एक मात्र ऐसा पत्ता है, जो कभी भी बासी नहीं होता है। भगवान शिव की पूजा इसके बिना अधूरी मानी जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि यदि नया बेलपत्र न हो, तो किसी दूसरे के चढ़ाए हुए बेलपत्र को भी धोकर कई बार पूजा में प्रयोग किया जा सकता है।
बेलपत्र चढ़ाने के नियम –
भगवान शिव को हमेशा उल्टा बेलपत्र चढ़ाया जाता है। चिकनी सतह की तरफ वाला भाग स्पर्श कराते हुए इसे चढ़ाएं।
बेलपत्र हमेशा अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली की मदद से चढ़ाएं। भगवान शिव को बिल्वपत्र अर्पण करने के साथ-साथ जल की धारा जरूर चढ़ाएं।
ध्यान रहे कि पत्तियां कटी-फटी न हों।
सावन में इस तरह अर्पित करें बेल पत्र – Bel Patra Rules
- सावन में शिव जी को चंदन का तिलक लगाएं।
- इसके बाद बेलपत्र, भांग, धतूरा,आदि अर्पित करें।
- बेलपत्र अर्पित करने के बाद जल से अभिषेक करें।
- इसके बाद शिव जी के समुख दीप जलाएं
- भोग में केसर की खीर लगाएं।
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शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का सही नियम क्या है?
शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से महादेव प्रसन्न होते हैं। शिवलिंग पर 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है लेकिन आप इससे अधिक बेल पत्र भी चढ़ा सकते हैं। वहीं शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय ध्यान रखें कि पत्ते का चिकना भाग शिवलिंग पर रहे। साथ ही शिवजी को कटा-फटा बेलपत्र भी नहीं चढ़ाना चाहिए। जिस बेलपत्र पर धारियां हो उसे भी शिवलिंग पर नहीं अर्पित किया जाता है।
बेलपत्र का महत्व और उपाय
- अपने त्रिकोणीय आकार के साथ बेल पत्र भगवान शिव की तीन आंखों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- यह भगवान के अस्त्र त्रिशूल का प्रतिनिधित्व करता है।
- बेल पत्र ठंडक प्रदान करते हैं।
- ऐसा मानते हैं कि सावन पर बेलपत्र से पूजा करने वाले भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
- बेल वृक्ष के नीचे शिवलिंग की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं।
- बिल्व वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- बिल्व वृक्ष के नीचे गरीबों को भोजन कराने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।