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Chattisgarh Tourism: मानसून में छत्तीसगढ़ के इस वॉटरफॉल की खूबसूरती मोह रही सैलानियों का मन, एक बार जरूर करें विजिट

Chattisgarh Tourism: मानसून में छत्तीसगढ़ के इस वॉटरफॉल की खूबसूरती मोह रही सैलानियों का मन, एक बार जरूर करें विजिट

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Manya Jain
Chattisgarh Tourism: मानसून में छत्तीसगढ़ के इस वॉटरफॉल की खूबसूरती मोह रही सैलानियों का मन, एक बार जरूर करें विजिट

Chattisgarh Tourism: छत्तीसगढ़ राज्य अपने आप सभ्यता, खाने और टूरिस्ट प्लेस के लिए फेमस है. मानसून में तो आपको छत्तीसगढ़ का एक अलग ही रूप देखने को मिलेगा. इस राज्य के टूरिस्ट प्लस इतने खूबसूरत हैं कि देश के साथ-साथ यहां विदेश से भी पर्यटक घूमने आते हैं.

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अगर आप भी मानसून में घूमने के शौक़ीन हैं तो आप रायपुर संभाग के गरियाबंद जिले में स्थित प्राकृतिक झरना घटारानी का मजा उठा सकते हैं.  क्योंकि बारिश के मौसम में प्राकृतिक झरना घटारानी अपने पूरे शबाब पर रहता है. अगर आप भी ट्रैकिंग करने के दीवाने हैं तो आप घटारानी जा सकते हैं.

मानसून में इस घटारानी वाटरफॉल के नजारों का लुत्फ़ उठाने के पूरे प्रदेश से कई सैलानी आते हैं.

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जंगलों के बीच घिरा है घटारानी 

गरियाबंद में जतमई घटारानी का वाटरफॉल जंगलों से घिरा हुआ है. इन घने जंगलों के बीच 40 फीट की ऊंचाई से पानी पत्थरों से टकराता हुआ गिरता है. आपको बता दें घटारानी वाटरफॉल के नीचे एक कुंड भी है. जहां पर पर्यटक नहाने का मजा उठाते हैं.

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इस वाटरफॉल के ऊपर मां घटारानी माता एक मंदिर भी स्थित है. कई श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. आप यहां के मंदिर और झरने की खूबसूरती देख मोहित हो जाएंगे. आपको यहां ठहरने के लिए सुन्दर कॉटेज और भोजन की व्यवस्था भी मिलेंगे.

जतमई और घटारानी दो अलग-अलग मंदिर है. इन मंदिरों के बीच लगभग 2 किलोमीटर का डिस्टेंस है. इन दोनों ही मंदिर में ख़ूबसूरत झरना भी है. जहां श्रद्धालु के साथ साथ पर्यटक भी मजा उठाते हैं.

Chattisgarh Tourism: जतमई माता मंदिर की अनोखी 

गरियाबंद में रायपुर से 85 किमी की दूरी पर स्थित है। एक छोटा सा जंगल के खूबसूरत स्थलों के बीच सेट, जतमई मंदिर माता जतमई के लिए समर्पित है. मंदिर खूबसूरती से कई छोटे शिखर या टावरों और एक विशाल टॉवर के साथ ग्रेनाइट के बाहर खुदी हुई है.

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मुख्य प्रवेश द्वार के शीर्ष पर, एक पौराणिक पात्रों का चित्रण भित्ति चित्र देख सकते हैं। जतमई की पत्थर की मूर्ति गर्भगृह के अंदर रखा गया है. मंदिर के पास में भगवान राम और लक्ष्मण को कंधे पर बिठाए हुए विशाल हनुमान जी की प्रतिमा है. इस प्रतिमा की ऊँचाई 150 मीटर हैं. यहां पर दो गुफाओं में देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित है.

मान्यता है कि जंगलों में भटक गए लोगों के यहां पूजा करने से वे अपनी मंजिल तक पहुंच जाते थे. यहां शिवलिंग भी है, जिसे घटेश्वरनाथ के नाम से जाना जाता है.

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