Advertisment

Kerala Boy Brain Eating Amoeba: तालाब में नहाना 14 साल के बच्चे की जान पर पड़ा भारी, ब्रेन ईटिंग अमीबा से हुई मौत

Kerala Boy Brain Eating Amoeba: तालाब में नहाना 14 साल के बच्चे की जान पर पड़ा भारी, ब्रेन ईटिंग अमीबा से हुई मौत, जानें कैसे

author-image
Manya Jain
Kerala Boy Brain Eating Amoeba: तालाब में नहाना 14 साल के बच्चे की जान पर पड़ा भारी, ब्रेन ईटिंग अमीबा से हुई मौत

Kerala Boy Brain Eating Amoeba: नेगलेरिया फाउलरी इन्फेक्शन , जिसे प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस (पीएएम) के रूप में भी जाना जाता है, एक दुर्लभ और घातक ब्रेन इन्फेक्शन है जो एक मुक्त-जीवित अमीबा के कारण होता है. यह गर्म मीठे पानी में पनपता है और नाक के रास्त से दिमाग को संक्रमित करता है.

Advertisment

नेगलेरिया फाउलरी इन्फेक्शन के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी और मानसिक स्थिति में बदलाव शामिल हैं, जो दौरे, मतिभ्रम और कोमा में बदल जाते हैं. संक्रमण को अक्सर वायरल या बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के रूप में गलत निदान किया जाता है. इस इन्फेक्शन के होने के कारण रोगी 1-18 दिनों के भीतर मर भी सकता है.

हाल ही में केरल से गुरुवार को एक 14 साल के बच्चे की Naegleria fowleri  ब्रेन इन्फेक्शन की वजह से मौत की बात सामने आई है. आज हम जानेंगे कि आखिर ये नेगलेरिया फाउलरी इन्फेक्शन या प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस (पीएएम) क्या होता है और कैसे ये गंभीर स्वास्थ समस्या का कारण बन सकता है.

क्या होता है ब्रेन ईटिंग अमीबा ?

नेग्लेरिया फोलेरी एक प्रकार का जर्म (रोगाणु) है जो गर्म क्लाइमेट में पाया जाता है और यह मानव ब्रेन को प्रभावित कर सकता है। यह इन्फेक्शन अत्यधिक गंभीर होता है और अक्सर घातक भी साबित हो सकता है। जब यह जर्म (रोगाणु) शरीर में प्रवेश करता है, तो यह नाक के माध्यम से ब्रेन तक पहुंचता है और वहां इंफेक्शन फैला सकता है.

Brain Eating Amoeba: what is Brain Eating Amoeba. Know its symptoms and methods of prevention - News Nation

ब्रेन ईटिंग अमीबा जर्म  ब्रेन के ऊतक (tissue) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे इन्फेक्शन हो सकता है। कभी-कभी यह अमीबा गंदे स्विमिंग पूल में पाया जा सकता है। इस संक्रमण के लक्षण इन्फेक्टेड होने के दो से 15 दिनों के बाद दिखाई दे सकते हैं.

क्या है मामला 

केरल में गुरुवार को कोझिकोड जिले में 14 साल के बच्चे की नेगलेरिया फाउलरी इन्फेक्शन (ब्रेन ईटिंग अमीबा) से मौत हो गई. जानकारी की माने तो यह बच्चा कुछ दिनों पहले तालाब में नाहा रहा था. जिस वजह से बच्चे के नाक के जरिए ब्रेन ईटिंग अमीबा शरीर में प्रवेश कर गया.

publive-image

जिसके बाद 24 जून को बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन बच्चे कि गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गयी. इस संक्रमण से पिछले दो महीनों में कुल तीन मौतें हो चुकी हैं.

कैसे करें बचाव 

गर्म महीनों में पानी की गतिविधियों से दूर रहें, जब पानी का तापमान अधिक और पानी का स्तर कम होता है, क्योंकि ये परिस्थितियाँ नेगलेरिया फाउलर के लिए अनुकूल होती हैं।

यदि आप पानी में कूदते या गोता लगाते हैं, तो नाक पर क्लिप का उपयोग करें या अपनी नाक बंद रखें।

गर्म झरनों और अन्य प्राकृतिक रूप से गर्म (भूतापीय) पानी में अपना सिर पानी से ऊपर रखें।

उथले, गर्म ताजे पानी में तलछट को हिलाने से बचें, क्योंकि नेगलेरिया फाउलर झीलों, तालाबों और नदियों के तल पर तलछट में पाए जाने की अधिक संभावना है।

नल के पानी को 1 मिनट तक उबालें और नेटी पॉट, बल्ब सीरिंज, निचोड़ने वाली बोतलों और अन्य नाक सिंचाई उपकरणों का उपयोग करके अपने साइनस को धोने से पहले इसे ठंडा होने दें।

Advertisment
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें