Conversion : धर्मांतरण पर ऐसे लगेगा फुलस्टॉप; राजपरिवार के सदस्य ने बताया फार्मूला, कही यह बात- जगदलपुर/रजत बाजपेयी। Conversion : छत्तीसगढ़ में इन दिनों धर्मांतरण का मुद्दा खूब गरमा रहा है। बस्तर के जंगलों से लेकर राजधानी की संसद में गूंज रहे इस मुद्दे पर राजनीति भी खूब हो रही है, लेकिन अब तक इस समस्या से उपजे विवादों का हल नहीं निलक सका है। इसी बीच बस्तर के राजपरिवार से इस समस्या के हल को लेकर एक व्यक्तिगत सुझाव सामने आया है।
दरअसल, बस्तर के राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने धर्मांतरण मामले में अपना व्यक्तिगत सुझाव देते हुए कहा है कि बस्तर में तेजी से हो रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर ग्रामसभा को अधिकार दिए जाने चाहिए। इसके साथ ही सरकार के लिए विधानसभा में भी बिल लाकर धर्मांतरित आदिवासियों को आरक्षण की सुविधा दिए जाने से रोक देना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो धर्मांतरण पर फुलस्टॉप लग जाएगा, नहीं तो बस्तर में आदिवासी नहीं बचेगा।
कौन करवा रहा धर्मांतरण
बस्तर में हो रहे धर्मांतरण के मुद्दे पर बोलते हुए कमलचंद भंजदेव ने जानकारी दी है कि बस्तर के लोकप्रिय महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव की रोल्स रॉयस चलाने के लिए कुछ लोगों को यहां लाया गया था, साथ ही उनके लिए चर्च बनवाए गए थे, ताकि वे यहां अपनी पूजा-पाठ की गतिविधियों को कर सकें। लेकिन यहां लाए गए कुछ परिवार इतना बड़ा आशियाना खड़ा कर आदिवासियों को जड़ से खत्म करने में सफल हो जाएंगे, यह सपने में भी नहीं सोचा जा सकता था।
धर्मांतरण पर राजनीति
इधर धर्मांतरण और इससे उपज रहे विवादों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते राज्य के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भाजपाइयों पर सीधा आरोप लगाते कहा कि भाजपाइयों की आदत है आग में घी डालने की। कहीं भी ऐसी परिस्थितयों का फायदा अपने तरह से उठाने भाजपाई पहुंच जाते हैं। तोकापाल के भेजरीपदर में चल रहे विवाद के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। इसपर पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता केदार कश्यप ने पलटवार करते कहा कि कवासी लखमा आदिवासी हैं भी या नहीं या उनका भी अवैध धर्मांतरण हो चुका है। बस्तर में बिगड़ रहे हालातों पर चिंता जाहिर करने की बजाए मंत्री लखमा ऊल-जलूल बयान दे रहे हैं, जो बस्तर के लिहाज से कतई उचित नहीं ठहराए जा सकते।
धार्मिक मंचों पर भी धर्मांतरण की गूंज
बीते दिनों मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रायपुर में रामकथा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजी भी हुई। तब पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि धर्मांतरण के खिलाफ हम खड़े होंगे। हम घर वापसी कराएंगे, हम सनातन की बात करेंगे। साधु-संतों का आशीर्वाद लेकर पूरे भारत में झंडा लगाएंगे।
छत्तीसगढ़ की संसद में गूंजा धर्मांतरण का मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन धर्मांतरण का मुद्दा गूंजा। सदन की कार्यवाही के दौरान बस्तर में हुए धर्मांतरण के मुद्दे को उठाया गया। साथ ही भाजपा नेताओं की हत्या के मामले में भी विपक्ष द्वार हंगामा किया गया। नारेबाजी के बीच सदन में पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस हुई।
भेजरीपदर हिंसक झड़प
Bhejripadar छत्तीसगढ़ के बस्तर के भेजरीपदर में आदिवासियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। भेजरीपदर में धर्मांतरण के मसले को लेकर बवाल मचा। यहां आदिवासियों का कहना था कि हिंदू रीति-रिवाज से शव का दाह संस्कर किया जाए। शव दफनाने के लए जमीन नहीं दी जाएगी। झड़प की जानकारी लगते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा। राजनीतिक बयानबाजी भी हुई।