Basant Panchami 2025 Brahmi Paudhe ke Upay: माघ महीने के त्योहारों बसंत पंचमी बेहद खास होती है। इस दिन से मौसम में परिवर्तन आने लगता है। बच्चों के शिक्षा संस्कार की शुरुआत भी इसी दिन से होती है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन ब्राहृमी का सेवन बेहद खास माना जाता है। चलिए जानते हैं इस साल बसंत पंचमी कब है, बसंत पंचमी पर ब्राहृमी का सेवन क्यों जरूरी होता है।
हर त्योहार से जुड़ी अपनी परंपराएं हैं। कुछ इसी तरह बसंत पंचमी पर भी ब्राहृी के पौधे का सेवन करने की परंपरा है।
माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ब्राहृमी पूर्ण रूप से परपिक्व हो जाती है। इस दिन सेवन करने से इसके लाभ कई गुना बढ़ जाते हैं।
ब्राह्मी एक औषधीय पौधा है। इसके तने, पत्ते और फूलों को स्वास्थ्य लाभ के लिए उपयोग किया जाता है।
ब्राह्मी को ‘ब्रेन बूस्टर’ (Brain Booster) के नाम से भी जाना जाता है, कई स्वास्थ्य संबंधी पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
आयुर्वेद में ब्राहृमी के गुण
ब्राहृमी औषधीय गुणों से भरा है। आयुर्वेद में ब्राह्मी को बुद्धि औषधि, पित्तनाशक, मजबूत याददाश्त, ठंडक देने के साथ शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर निकालने वाला माना जाता है।
इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट (Anti Oxident), एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं। ब्राह्मी का उपयोग कई वर्षों से आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जा रहा है।
बसंत पंचमी पर परिपक्व होता है ब्राहृी का पौधा
ब्राह्मी के पौधे को लेकर ऐसा माना जाता है कि इसकी परिपक्वता के लिए चतुर्दशी से बसंत पंचमी (Brahmi on Basant Panchami 2024) तक का समय खास माना जाता है। माघ के महीने में पंचमी पर ये पूर्ण रूप से पक जाता है। यही कारण है कि बसंत पंचमी के दिन इसका सेवन किया जाता है। वैसे इसका सेवन पंचमी के नौ दिन पहले से शुरु हो जाता है। यही कारण है कि इसे बसंत पंचमी पर उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
दिल के लिए खास है ब्राहृी का पौधा
आपको बता दें ब्राह्मी एक स्वास्थ्यवर्धक पौधा है। कहा जाता है कि इसे दिल की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री पाए जाने के कारण ब्राह्मी का सेवन स्वस्थ को लाभकारी माना जाता है।
तनाव के लिए ब्राहृी का पौधा
ब्राह्मी में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के चलते इसे एक एडाप्टोजेन हेल्थ-बूटी माना जाता है। जो तनाव को कम करने में सहायक होता है।
याददाश्त बढ़ाने में सहायक ब्राहृी का पौधा
ऐसा माना जाता है कि इस समय ब्राहृी का सेवन करने से विद्यार्थियों में याददाश्त बढ़ती है। साथ ही इससे उनका दिमाग तेज चलता है। यही कारण है कि याददाश्त कमजोर होने पर इसका सेवन बेहद काफी फायदेमंद माना जाता है।
मानसिक विकारों में उपयोगी ब्राहृी का पौधा
मानसिक समस्याओं, मानसिक बीमारियों के इलाज के तौर पर इसे उपयोग से फायदा होता है। इतना ही नहीं दिमाग को ठंडा रखने के लिए भी इसका उपयोग लाभकारी माना जाता है। नींद न आने पर, कब्जियत रहने पर और धातु क्षय होने पर इसका उपयोग बेहद मददगार होता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों के कारण ब्राम्ही को पागलपन को भी ठीक करने में असरकारक औषधि माना जाता है।
सूजन, पित्त, खांसी में फायदा ब्राहृी का पौधा
ब्राहृी का पौधा सफेद दाग, खून की खराबी, पीलिया के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है। सूजन, पित्त, खांसी में भी इसके फायदे देखे गए हैं।
ब्राह्मी के सेवन में भूलकर भी न करें ये गलती
आयुर्वेद में ब्राह्मी के फायदे तो जरूर हैं पर इसके सेवन में सावधानी रखना भी बेहद जरुरी है। इसके सेवन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।
जानकारों की मानें तो इसमें खटाई का परहेज जरूरी है।
इसके सेवन के दौरान मानसिक कार्य करने से बचना चाहिए।
जड़ी बूटी युक्त ब्राम्ही पेय का प्रयोग 24 घंटे के अंदर करना ही लाभकारी होता है।
इसके बाद इसका सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है।
बसंत पंचमी कब है, 2 या 3 फरवरी
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल बसंत पंचमी 2 नहीं 3 फरवरी को आएगी। ऐसे में आप भी इसकी तिथि को लेकर अगर कंफ्यूज हैं तो आप इसकी सही तिथि जान लें।
डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सूचनाओं पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।
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