भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन से बरकतउल्ला विवि, भोपाल के दीक्षांत समारोह को वर्चुअल संबोधित किया। दीक्षांत अवसर पर 74 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि, 94 को स्नातकोत्तर उपाधि और 27 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि जीवन की सार्थकता भौतिकता के साथ आध्यात्मिकता के समन्वय में है। उन्होंने छात्रों से कहा कि सारा जीवन साधन जुटाने में लगाएंगे तो स्वयं ही साधन बन जाएंगे। जीवन की सार्थकता भौतिकता को साधन और आध्यात्मिकता को साध्य मान कर जीवन जीने में है।
शिक्षकों से किया आग्रह
राज्यपाल ने आगे कहा कि शिक्षा रूपी ज्ञान का जो तेज दीक्षित छात्रों को मिला है, उसका उपयोग वंचित और पिछड़े वर्गों के अंधकारमय जीवन में उजाला फैलाने में करें। उन्होंने शिक्षकों से भी आग्रह किया कि वे स्वयं के उदाहरण से छात्रों के सामाजिक सरोकारों में सहभागिता करने, वंचितों का उत्तरदायित्व स्वीकारने और चुनौतियों के समाधान खोजने के लिए प्रेरित करें।
पीएम मोदी ने छात्रों की मौलिक प्रतिभा को निखारा
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों की मौलिक प्रतिभा को निखार कर 21वीं सदी की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम बनाने का अवसर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रूप में दिया है। नीति की सफलता के लिए जरूरी है कि शिक्षक निरंतर अपडेट रहते हुए नई परिस्थितियों और परिवेश के अनुरूप स्वयं को मजबूत बनाएँ। विभिन्न वर्गों की शिक्षा तक पहुँच, भागीदारी और शिक्षण स्तर में अंतर को समाप्त करने के प्रयास करें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अग्रणी है मध्यप्रदेशः मंत्री यादव
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जीवन में शिक्षा का जितना महत्व है, दीक्षा का भी उतना ही महत्व है। दीक्षा व्यक्ति को संस्कारित करती है और जीवन की दिशा का बोध कराती है। उन्होंने राज्यपाल मंगुभाई पटेल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह के प्रतिवर्ष आयोजन पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विशेष बल दिया है। इसमें भौतिक उपस्थित नहीं हो पाने के बावजूद ऑनलाइन जुड़ना, उनके दीक्षांत कार्यक्रमों के प्रति गहरे समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अग्रणी राज्य है।
इस दौरान मुख्य वक्ता न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही ने कहा कि भौतिक प्रगति मानवीयता और संवेदनशीलता का विकल्प नहीं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि ज्ञान और यंत्रों का उपयोग दिशा बोध के साथ मानवता के कल्याण में किया जाए। उन्होंने कहा कि अंतर्मन की संवेदनाओं को समझ कर भावी जीवन की राह तय करने में ही जीवन की सफलता है। कुलपति प्रो. आरजे राव ने स्वागत उद्बोधन और छात्रों को दीक्षांत उपदेश दिया। संचालन कुलसचिव डॉ. आईके मंसूरी ने किया।
बुधवार को बरकतउल्ला विवि (बीयू) के दीक्षांत समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल व कुलाधिपति मंगु भाई पटेल ने किया। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव रहे। रिटायर्ड जस्टिस वी अमरेश्वर प्रताप शाही मुख्य वक्ता के रूप में दीक्षांत भाषण दिया। कुलपति प्रो. आरजे राव दीक्षांत उपदेश दिया। समारोह में 184 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई। इसमें पीजी में 79, यूजी में 28 एवं पीएचडी, डी. लिट. के 76 स्टूडेंट शामिल थे। दीक्षांत समारोह में लगभग 27 गोल्ड मेडल भी छात्रों को प्रदान किए गए । इसमें से 22 विश्वविद्यालय से एवं 5 गोल्ड मेडल प्रायोजित हैं।