Barish ke Yog 2023: ग्रहों की बदलती चाल जातकों के साथ-साथ प्रकृति पर भी असर डालती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार जब भी कोई ग्रह मार्गी और वक्री होता है तो बारिश के योग बनते हैं। यही कारण है कि हाल में बुध मार्गी होने से बारिश के योग बने हैं। 3 सितंबर को शुक्र मार्गी हुए हैं तो वहीं अब 7 सितंबर को बुध मार्गी होने जा रहे हैं। जो बारिश के योग बना रहे हैं। सूर्य के नक्षत्र परिवर्तन से बारिश होती है।
एक साथ पांच ग्रह मार्गी-वक्री
ज्योतिषाचार्य के अनुसार बुध, गुरू, शुक्र और शनि वक्री चल रहे हैं तो वहीं बुध अब मार्गी हो रहे हैं। ये उठा पटक प्राकृतिक रूप से परिवर्तन लाती है। 7 सितंबर को बुध मार्गी हो रहे हैं। तो वहीं 3 सितंबर को शुक्र मार्गी हो चुके हैं। इसके बाद अगले सप्ताह 14 सितंबर को गुरू भी वक्री हो रहे हैं। ऐसे में इन सभी ग्रहों की वक्री और मार्गी चाल बारिश के साथ-साथ प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति निर्मित करते हैं।
सूर्य ने बदला नक्षत्र, स्त्री-पुरुष योग करा रहा बारिश
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जब भी सूर्य नक्षत्र परिवर्तन करते हैं तो बारिश के योग बनते हैं। यदि सूर्य जलचर नक्षत्र में प्रवेश करे और ऐसे में यदि स्त्री—पुरुष योग बने तो इसका असर ज्यादा दिखाई देता है। हाल ही में 31 अगस्त को सूर्य ने पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश किया है। इस दौरान स्त्री-पुरुष योग बना है। जो 15 दिन तक बारिश के योग बनाएगा। ऐसे में कहीं कम कहीं ज्यादा बारिश के योग बनेंगे। जो 15 दिन तक रहेंगे। इसके बाद सूर्य के उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करने पर मानसून की विदाई हो जाएगी।
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