Bappi Lahiri : भारतीय सिनेमा जगत के मशहूर गायक बप्पली लहरी का बीते बुधवार को निधन हो गया था। बप्पी लहरी का अंमित संस्कार आज मुंबई में किया जा रहा है। बप्पी दा के अंमित संस्कार की पूरी तैयारी कर ली गई है। बप्पी लहरी के बेट बप्पा लहरी मुंबई पहुंच चुके है। लेकिन क्या आपको पता है कि बप्पी लहरी मध्यप्रदेश के समधि थे। बप्पी दा का मध्यप्रदेश के चंबल इलाके से गहना नाथा था।
दरअसल, बप्पी लहरी की बेटी रीमा की शादी मध्यप्रदेश के मुरैना से साल 2007 में हुई थी। बप्पी लहरी ने अपनी बेटी रीमा का संबंध उस दौर में किया था, जब चंबल इलाके में खूंखार डकैतों का आतंक हुआ करता था। बीप्पी लहरी ने अपनी बेटी रीमा की शादी मुरैना के जौरा में रहने वाले गोविंद बंसल से की थी। शादी के दौरान बप्पी लहरी खुद चंबल इलाके में रूके थे। हालांकि शादी के कई कार्यक्रम ग्वालियर, दिल्ली और मुंबई में हुए थे।
चंबल में बप्पी दा के कई दोस्त
बप्पी दा ने जब अपनी बेटी की शादी की थी, उस दौरान वह ग्वालियर चंबल में करीब 8 दिनों तक रूके थे। इस दौरान चंबल इलाके में कई दोस्त बन गए थे। बप्पी दा के दामाद के मित्र डॉ. राम पांडेय के अनुसार बप्पी दा से उनकी पहली मुलाकात तब हुई थी, जब वह ग्वालियर आए थे। मैंने बप्पी दा को अपने घर पर चाय पर बुलाया था।
गोविंद कैसे बने बप्पी के दामाद
खबरो के अनुसार बप्पी दा की युवा कारोबारी गोविंद बंसल से दिल्ली में मुलाकात हुई थी। दोनों की मुलाकात के दौरान बप्पी दा को गोविंद बंसल पसंद आ गए थे। वही रीमा ने भी पहली मुलाकात में गोविंद सिंह से शादी करने की सहमति दे दी थी। बप्पी दा भी अपनी बेटी के इस फैसले से खुश थे, लेकिन जब उन्होंने शादी की बात अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बताई तो सभी ने कहा की डकैतों के इलाकों में उन्हें अपनी बेटी नहीं देना चाहिए। लेकिन बप्पी दा ने कहा की वह अपनी पसंद और बेटी की पसंद के लिए चंबल में रिश्ता करने के लिए तैयार है। जिसकें बाद बप्पी दा ने रीमा की शादी साल 2007 में धूमधाम से कर दी थी।
बप्पी दा का करियर
आपको बता दें कि गायक बप्पी लहिरी का निधन हो गया था 69 साल की उम्र में उन्होने मुंबई के क्रिटी केयर अस्पताल में रात करीब 11 बजे आखिरी सांस ली। बता दें कि बप्पी लहिरी का असली नाम अलोकेश लहिरी था जिनका जन्म 27 नवंबर 1952 को जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल में हुआ था। उन्होने 3 साल की उम्र में तबला बजाना शुरू किया और फिर बंगाली फिल्म दादू (1972) से अपने कैरियर की शुरुआत की। बप्पी लहरी ने अपना पहली संगीत, हिंदी फिल्म नन्हा शिकारी (1973) में दिया था। वहीं ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म जख्मी (1975) ने उनको एक अलग पहचान दिलाई। हालांकि 80 के दशक में बॉलीवुड को उन्होने कई यादगार गाने जबकि बप्पी लहिरी ने ही ऐसे थे जिन्होने बॉलीवुड को ‘डिस्को डांस’ से इंट्रोड्यूस कराया था।