नई दिल्ली। अब बैंक के डूबने पर भी खाताधारकों को 90 दिन के अंदर पैसा मिल जाएगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC), येस बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक जैसे बैंकों से परेशान ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। बुधवार को हुए कैबिनेट बैठक में सरकार ने DICGC एक्ट में बदलाव को मंजूरी दे दी है। अब इस बिल को संसद में रखा जाएगा। एक्ट में संशोधन होने के बाद किसी बैंक के डूबने पर बीमा के तहत खाताधारकों को पैसा 90 दिन के भीतर लौटा दिया जाएगा।
संसद के मानसुन सत्र में बिल को रखा जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए कैबिनेट बैठक में डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने आज इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (amendment) बिल, 2021 को मंजूरी दी है। बिल को संसद के मानसुन सत्र में रखा जाएगा।
इस संशोधन से खाताधारकों को मिलेगा लाभ
इस संशोधन से खाताधारकों और निवेशकों को पैसे की सुरक्षा मिलेगी। संसद से बिल पास होने के बाद किसी भी बैंक के डूबने पर ग्राहकों को बीमा के तहत 90 दिन के अंदर भुगतान किया जाएगा। इसके तहत कॉमर्शियली ऑपरेटेड सभी बैंक आएंगे, चाहे वह ग्रामीण बैंक ही क्यों न हो। वित्त मंत्री ने आगे बताया कि इस तरह के बीमा के लिए प्रीमियम बैंक देता है, ग्राहक नहीं।
क्या है DICGC?
DICGC असल में भारतीय रिजर्व बैंक का सब्सिडियरी है और यह बैंक जमा पर बीमा कवर उपलब्ध कराता है। वर्तमान में नियम यह है कि जमाकर्ताओं को 5 लाख रूपये का बीमा होने पर भी तब तक पैसा नहीं मिलेगा, जब तक RBI कई तरह की प्रक्रियाएं नहीं पूरी कर लेता है। इस नियम के कारण ग्राहकों को बैंक डूब जाने की स्थिति में लंबे समय तक पैसों के लिए इंतजार करना पड़ता था। लेकिन, अब एक्ट में बदलाव के बाद ग्राहकों को राहत मिलेगी।
सरकार ने पिछले साल ही बड़ा बदलाव किया था
गौरतलब है कि, बैंक बर्बाद होने की स्थिति में कम से कम 5 लाख रूपये की जो राशि वापस की जाती है। वो पहले सिर्फ 1 लाख रूपये ही थी, लेकिन पिछले साल ही मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर 5 लाख किया था। अभी तक के प्रवधानों के मुताबिक पांच लाख रूपये की यह वापसी ग्राहकों को तब होती है, जब किसी बैंक का लाइसेंस कैंसिल हो जाता है और उसके एसेट आदि बेचने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। लेकिन नए बिल में जो प्रावधान हैं उसके मुताबिक तीन महीने के अंदर ग्राहकों को पैसा वापस करना होगा और बाकी कि जो प्रक्रियाहै वो चलती रहेगी।