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New Bank Rule: बैंकिंग क्षेत्र में ग्राहकों के लिए एक नई सुविधा 1 नवंबर, 2025 से लागू होने जा रही है। सरकार ने बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 के प्रमुख प्रावधानों को लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत बैंक में जमा राशि के लिए ग्राहक अब चार नॉमिनी नामित कर सकेंगे। ये नॉमिनी एक साथ या क्रमवार (एक के बाद एक) बनाए जा सकेंगे।
इससे पहले, बैंकिंग नियमों के अनुसार ग्राहक केवल एक नॉमिनी ही नामित कर सकते थे। नया संशोधन इस प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है और ग्राहकों को अपने फंड्स पर बेहतर नियंत्रण और सुरक्षा का विकल्प देता है। हालांकि, सेफ्टी लॉकर के मामले में ग्राहकों को अभी भी क्रमवार नॉमिनी (एक के बाद एक) ही नामित करने की अनुमति होगी।
इस संशोधन की अधिसूचना 15 अप्रैल, 2025 को जारी की गई थी, लेकिन पीआईबी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि यह नया नियम 1 नवंबर, 2025 से प्रभावी होगा। इस कदम से बैंकिंग ग्राहकों को अपने धन और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए अधिक लचीलापन और सुविधा मिलेगी।
सरकार ने जानकारी दी है कि इस एक्ट के सेक्शन 10, 11, 12 और 13 एक नवंबर से लागू होंगे। इन नियमों में नॉमिनी से जुड़ी नई व्यवस्थाएं शामिल हैं, जो बैंक अकाउंट, सेफ कस्टडी और लॉकर से संबंधित हैं।
नए नियमों की खास बातें
- चार नॉमिनी तक की अनुमति अब खाताधारक अपने बैंक खाते में चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं।
- दो विकल्प: नॉमिनी को एक साथ (Simultaneous) या एक के बाद एक (Successive) तरीके से तय किया जा सकेगा।
- लॉकर के लिए केवल Successive Nominee: यानी पहला नॉमिनी न रहने पर दूसरा नॉमिनी हकदार बनेगा।
- हक का प्रतिशत तय करना जरूरी: खाताधारक को हर नॉमिनी के हिस्से का प्रतिशत स्पष्ट रूप से बताना होगा, जो कुल मिलाकर 100% होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर – पहला नॉमिनी 40%, दूसरा 30%, तीसरा 20% और चौथा 10% हिस्सेदार हो सकता है।
क्या होगा फायदा
इस बदलाव से खाताधारकों को अपनी पसंद से नॉमिनी तय करने की आजादी मिलेगी। साथ ही, क्लेम प्रक्रिया में पारदर्शिता, सरलता और तेजी आएगी। वित्त मंत्रालय ने बताया है कि जल्द ही Banking Companies (Nomination) Rules, 2025 जारी किए जाएंगे, जिनमें नॉमिनी बनाने, बदलने या हटाने की पूरी प्रक्रिया और फॉर्म की जानकारी दी जाएगी।
किन कानूनों में किया गया संशोधन
बैंकिंग लॉ (संशोधन) एक्ट, 2025 के तहत कई पुराने कानूनों को अपडेट किया गया है
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934
- बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1955
- बैंकिंग कंपनीज़ (Acquisition & Transfer of Undertakings) एक्ट, 1970 और 1980
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